फसल
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हाथरस जिले के 10 गांवों का डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। इसे लेकर शासन स्तर से निदे्रश जारी कर दिए गए हैं। इस सर्वे के दौरान मोबाइल एप के माध्यम से इन गांवों में फसलों का रकबा, कृषि योग्य भूमि सहित सभी अन्य आंकड़ों को एकत्रित किया जाएगा। इन आंकड़ों का सेटेलाइट के जरिए मिलान भी किया जाएगा। इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से कािर्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शासन की ओर से डिजिटल मिशन ऑन एग्रीकल्चर के तहत प्रदेश में उगाई जाने वाली फसलों के रियल टाइम सर्वेक्षण की कार्रवाई की जा रही है। इसी के तहत पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में वर्तमान में खरीफ की फसल का आकलन किया जा रहा है।शासन की ओर से यहां जिले के 10 गांवों को पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस सर्वे में मोबाइल एप के जरिए लेखपाल गांव में पहुंचकर फसल का फोटो लेंगे और एप में पूरा ब्यौरा फीड किया जाएगा। अब तक मैनुअली तरीके से रकबा निर्धारित किया जाता था। इस कारण सेटेलाइट से नाप किए गए रकबा और मैनेअली नाप किए गए रकबे में अंतर आ रहा था।
इस सर्वे से होंगे यह लाभ
- बैंक द्वारा फसली ऋण का सत्यापन
- फसल बीमा प्रस्ताव का सत्यापन
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन का खरीद
- सूखे के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत व अनुदान का विवरण
- कृषि इनपुट सप्लायर के साथ किसानों को जोड़ने का अवसर
- किसानों को लक्षित फसल सलाह प्रदान करना
- विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना
सर्वे में इन बिंदुओं पर होगा कार्य
- अभिलेखों के डायनेमिक लिकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस
- ग्राम मान चित्रों का भू-संदर्भ
- जीआईएस बेस रियल टाईम क्रॉप सर्वे
यह गांव सर्वे में हैं शामिल
तहसील सासनी के गांव श्री नगर, नगला सामांत, तहसील हाथरस के गांव नगला रामराय, पट्टी सामंत, नगला हीरा सिंह, तहसील सादाबाद के गांव नासिरपुर, कुकटई, नगला बीरवल, तहसील सिकंदाराराऊ के गांव भुडिया, नगला छौआ, बिलार।
शासन की ओर से पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 10 गांवों को डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए चयनित किया है। इस सर्वे के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया है। जल्द ही सर्वे पूरा किया जाएगा। -हंसराज, डीडी कृषि