Hathras News: 270 पंचायत भवनों में नहीं बिजली कनेक्शन, ग्राम प्रधानों के घर पर बैठकर दे रहे सुविधा

Hathras News: 270 पंचायत भवनों में नहीं बिजली कनेक्शन, ग्राम प्रधानों के घर पर बैठकर दे रहे सुविधा



हसायन के जरीनपुर भुर्रका का पंचायत भवन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


हाथरस जिले में ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन यह भवन ग्रामीणों को सुविधा देने के जिस मकसद से तैयार किए गए हैं, उस पर यह खरे नहीं उतर पा रहे हैं। इन पंचायत भवनों में विद्युत कनेक्शन न होने से ग्रामीणों को जहां एक ओर 243 सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। दूसरी ओर ग्राम पंचायत में होने वाले विकास कार्यों का भुगतान भी ग्राम प्रधानों के घर कंप्यूटर लगाकर किया जा रहा है।

जिले की 462 ग्राम पंचायतों में से 402 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इनके माध्यम से ग्रामीणों को 243 सेवाओं को लाभ दिए जाने के लिए पंचायत सहायकों की तैनाती कर दी गई है। पंचायतराज विभाग के आंकड़ों के अनुसार 402 में से महज 125 पंचायत भवनों में ही विद्युत कनेक्शन हो पाए हैं। कनेक्शन न होने की वजह से पंचायत सहायक गांव में अन्य घरों पर बैठकर ग्रामीणों को 243 सुविधाएं देने में जुटे हुए हैं। कई ग्राम पंचायतों में तो ग्राम प्रधानों के घर पर बैठकर पंचायत सहायक ग्रामीणों को सुविधा देने के लिए मजबूर हैं।

शासन की ओर से ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले कार्यों का भुगतान को पंचायत भवनों पर लगे सिस्टम से करने के निर्देश जारी किए गए हैं, इसलिए पंचायत भवनों में विद्युत व्यवस्था न होने के कारण कंप्यूटर सिस्टम को प्रधान के घर ले जाकर भुगतान करना पड़ रहा है। इस कारण ग्रामीणों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

पंचायती राज विभाग के आंकडे़

ग्राम पंचायतें – 462

पंचायत भवन पूर्ण- 402

निर्माणाधीन पंचायत भवन – 60

विद्युत कनेक्शन – 125 लगभग। 

बिजली विभाग के आंकड़े

कुल ग्राम पंचायत – 420

विद्युत कनेक्शन पूर्ण – 250

ग्राम पंचायतों में बने पंचायत भवनों में विद्युत कनेक्शन दिए जाने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। 40 मीटर दूरी वाले पंचायत भवनों में कनेक्शन से पूर्व ग्राम प्रधानों को एस्टीमेट दिए जा रहे हैं। इसके बाद कनेक्शन दिए जाएंगे। -नरेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत ग्रामीण  

सभी पंचायत भवनों में विद्युत कनेक्शन दिए जाने के लिए विद्युत विभाग को सूची उपलब्ध करा दी गई है। कनेक्शन न होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्थाओं के जरिये कार्यों को पूर्ण कराया जा रहा है। बिजली कनेक्शन लगने की लगातार समीक्षा की जा रही है। -सुबोध जोशी, डीपीआरओ



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