परिक्रमा देकर मैक्स में सवार होकर जलेसर की तरफ जाते समय सवार श्रद्धालु
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पिछले साल अक्तूबर में कानपुर में हुए भयावह सड़क हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने ट्रैक्टर ट्राली मैक्स से यात्रा करने पर रोक लगा दी थी। जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया था। इसके बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे हैं।
शुक्रवार की रात जलेसर रोड पर डंपर और ट्रैक्टर ट्राली की भिड़ंत में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से छह श्रद्धालुओं की जान चली गई। प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद लोग बेपरवाह बने हुए हैं। त्यौहारी सीजन में श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्रॉली और डाला से लगातार यात्रा कर रहे हैं। कस्बा, देहात में जगह जगह श्रद्धालु भारी मात्रा में ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर आए दिन सफर करते दिख रहे हैं। इनमें महिलाओं – बच्चों समेत बुजुर्ग लोग शामिल होते हैं।
जबकि शासन द्वारा कानपुर हादसा के बाद नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें मालवाहक वाहनों में केवल कृषि कार्य ढुलाई का ही इस्तेमाल किया जाएगा। अमूमन लोग मुंडन संस्कार, छेदन संस्कार, परिक्रमा में सवारी हेतु ट्रैक्टर ट्राली का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इन वाहनों में भारी संख्या में लोगों को भर कर संबंधित धार्मिक स्थल अथवा नदी के किनारे घाट पर ले जाया जाता है, जिसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
सरकार ने इस तरह से ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रयोग पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी निर्धारित किया था लेकिन राजनैतिक लोग, किसान संगठन के विरोध के चलते इस पर रोक नहीं लग सकी। इसलिए लगातार लोग आने जाने में ट्रैक्टर ट्रॉली का प्रयोग कर रहे हैं।