हिमाचल में बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड।
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हिमाचल प्रदेश में जुलाई में सामान्य से 76 प्रतिशत अधिक बादल बरसे। इस माह 454.9 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य 260.8 मिमी रहती है। वर्ष 2004 के बाद यह सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। जुलाई में तीन बार 4, 5 और 7 फीसदी अधिक बारिश हुई है। वर्ष 2022 में 4, 2021 में 5 और 2005 में 7 फीसदी ज्यादा हुई थी। बाकी वर्षों में इस दौरान ज्यादातर माइनस में ही रहती आई है। अभी भी बाढ़ और बादल फटने से सूबे में तबाही का दौर जारी है। जुलाई में प्रदेश में सबसे ज्यादा 206 फीसदी बारिश किन्नौर जिला में हुई। किन्नौर में सामान्य वर्षा 64.2 मिमी होती है, जो इस बार अब तक 196.6 मिमी दर्ज की गई है।
शिमला जिला में सामान्य से 187 फीसदी अधिक बादल बरसे। यहां सामान्य वर्षा 203.4 मिमी रहती थी, जो इस बार 582.9 मिमी हुई। कुल्लू में 163 फीसदी ज्यादा पानी बरसा। यहां पर औसत सामान्य बारिश 178.2 मिमी होती आई है, जबकि इस बार 469.3 मिमी हुई। सिरमौर में 159 प्रतिशत बारिश हुई। यह सामान्य तौर पर 422.2 मिमी होती है, जबकि इस बार 1092.4 मिमी हुई। सोलन में सामान्य से 148 फीसदी ज्यादा वर्षा हुई, जो सामान्य तौर पर 295.1 मिमी होती है और इस बार 732.6 मिमी हुई। बिलासपुर में सामान्य से 74 फीसदी अधिक वर्षा हुई। यहां सामान्य वर्षा 260.8 मिमी होती है, जो इस बार 454.9 मिमी हुई।
चंबा में भी सामान्य से 61 फीसदी अधिक बादल बरसे। यहां सामान्य रूप से 260.8 मिमी वर्षा होती है, जो इस बार 454.9 मिमी हुई। हमीरपुर में भी सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। यहां 316.1 मिमी सामान्य वर्षा होती है, जो इस बार 475.8 मिमी हुई। मंडी में सामान्य से 46 फीसदी वर्षा अधिक हुई। यहां औसत सामान्य वर्षा 371.7 मिमी होती है, जो इस बार 541.9 मिमी दर्ज की गई। लाहौल-स्पीति में 22 फीसदी ज्यादा 157.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सामान्य तौर पर यहां 128.5 मिमी बारिश होती है। कांगड़ा में 15 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सामान्य तौर पर यहां 565.7 मिमी होती है। यह असल में 652.1 मिमी हुई।
पांच दिनों तक ऐसा रहेगा मौसम, कुल्लू के स्कूलों में 5 तक छुट्टियां
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 5 अगस्त तक कई भागों में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। 2 व 3 अगस्त के लिए कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिला कुल्लू के सभी सरकारी और निजी स्कूल 5 अगस्त तक बंद रहेंगे। उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के चलते सड़कें बंद होने और पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते फैसला लिया है।