ICMR Study: 40 से अधिक उम्र वालों में संक्रमण के एक साल बाद तक मृत्यु का खतरा, नए वैरिएंट्स को लेकर अलर्ट

ICMR Study: 40 से अधिक उम्र वालों में संक्रमण के एक साल बाद तक मृत्यु का खतरा, नए वैरिएंट्स को लेकर अलर्ट


कोरोना के नए वैरिएंट्स का खतरा वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। हाल ही में सामने आए दो नए वैरिएंट्स एरिस और BA.2.68 ने वैज्ञानिकों को अलर्ट कर दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन वैरिएंट्स की संक्रामकता दर काफी अधिक देखी जा रही है, जिसके कारण खतरा उन लोगों में भी हो सकता है जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है या पहले से संक्रमण के बाद उनके शरीर में प्रतिरक्षा बनी हुई है। नए वैरिएंट्स में देखे गए अतिरिक्त म्यूटेशन के कारण यह आसानी से इम्युनिटी को चकमा देने वाला माना जा रहा है। 

कोरोना किस प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाने वाला हो सकता है, इस बारे में जानने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एक अध्ययन किया। शोध की जारी रिपोर्ट में कहा गया कि संक्रमण के शिकार रहे 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जो कोमोरबिडीटी के शिकार थे या फिर जिनमें मध्यम से गंभीर लक्षण रहे हैं, ऐसे लोगों में संक्रमण से ठीक होने के एक साल के भीतर मृत्युदर अधिक देखी गई है।

मसलन कोरोना संक्रमण शरीर में इस तरह की समस्याओं को विकसित करने वाला पाया गया है जो आगे चलकर गंभीर जटिलताओं, यहां तक कि मृत्यु के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है।

अस्पताल से छुट्टी के बाद रोगियों की मृत्युदर

“अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों के बीच डिस्चार्ज के बाद मृत्युदर’ शीर्षक से प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि जिन प्रतिभागियों को कोविड-19 संक्रमण से पहले वैक्सीन की एक भी खुराक मिली थी, उनमें डिस्चार्ज के बाद मृत्युदर का जोखिम कम देखा गया।

अध्ययन में कहा गया है कि प्रस्तुत विश्लेषण में केवल वे मरीज शामिल थे जो कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाने वाला हो सकता है, जिसके कारण गंभीर रोग और यहां तक कि मृत्यु का खतरा भी काफी बढ़ सकता है।

नए वैरिएंट्स के लेकर जोखिम

कोरोना के नए वैरिएंट्स को लेकर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि इसकी संक्रामकता दर काफी अधिक देखी जा रही है जिसके कारण दुनियाभर में तेजी से संक्रमण और अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक लगातार चौथे हफ्ते कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती संक्रमितों के मामले बढ़े हैं, इस तरह के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं।

वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि जिस गति से कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं, ऐसे में संक्रमण से बचाव को लेकर सभी लोगों को लगातार प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री के सचिव ने की बैठक 

दुनियाभर में कोविड-19 के नए उभरते वैरिएंट को देखते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने देश में वर्तमान कोविड की स्थिति और इसकी तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें सभी राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों को इन्फ्लूएंजा जैसे बीमारियों सीवियर अक्यूट रेस्पोरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) की निगरानी करने, कोविड-19 परीक्षण और जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं। 

भारत में नियंत्रित है कोविड की स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ईजी.5 (एरिस) 50 से अधिक देशों में रिपोर्ट किया गया है, वहीं वैरिएंट बीए.2.86 (पिरोला) चार देशों में है। भारत में स्थिति अभी काफी नियंत्रित देखी जा रही है, पूरे देश में नए कोविड-19 मामलों का दैनिक औसत 50 से नीचे बना हुआ है और साप्ताहिक परीक्षण सकारात्मकता दर 0.2% से कम है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को कोरोना से बचाव को लेकर उपाय करते रहने की सलाह दी है।

————–

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *