IND vs PAK: ‘दूसरों की तुलना में मेरे ऊपर तिगुना ज्यादा बोझ’, भारत-पाकिस्तान मैच से पहले बोले हार्दिक पांड्या

IND vs PAK: ‘दूसरों की तुलना में मेरे ऊपर तिगुना ज्यादा बोझ’, भारत-पाकिस्तान मैच से पहले बोले हार्दिक पांड्या


भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में महामुकाबला खेला जाएगा। सुपर फोर के इस मैच में दोनों टीमें जीत हासिल करने की कोशिश करेंगी। ग्रुप राउंड के दौरान दोनों टीमों के बीच मुकाबला बेनतीजा रहा था। बारिश के कारण दूसरी पारी का खेल नहीं हो सका था। अब सुपर फोर राउंड का यह मुकाबला जीतकर जहां टीम इंडिया फाइनल के लिए अपना दावा मजबूत करना चाहेगी, वहीं पाकिस्तान की टीम सुपर फोर के लिए अपनी स्थिति और मजबूत करने उतरेगी। उसने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पिछला सुपर फोर मुकाबला आसानी से जीता था। इस मैच से पहले उपकप्तान हार्दिक पांड्या ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने वर्कलोड को लेकर बातचीत की है।



हार्दिक ने दूसरों से खुद को बताया अलग

हार्दिक पांड्या ने कहा है कि एक ऑलराउंडर के तौर पर उनका वर्कलोड एक स्पेशलिस्ट बैटर या बॉलर की तुलना में दोगुना या कभी कभार तिगुना भी हो जाता है और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ बारिश से प्रभावित शुरुआती मैच में 266 रन पर सिमट गई थी। उस मैच में हार्दिक ने 87 रन का योगदान दिया था। एक वक्त हार्दिक की पीठ के निचले हिस्से में ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर’ की समस्या उत्पन्न हुई थी। यह उनके करियर के लिए खतरा बन गया था और जिसके कारण वह काफी समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहे थे। हालांकि, आईपीएल में दमदार प्रदर्शन के बाद बड़ौदा के इस क्रिकेटर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की और नेशनल टी20 टीम के कप्तान बन गए। इतना ही नहीं वह फिर से काफी रफ्तार से गेंदबाजी भी करने लगे हैं।


प्री-सेशन ट्रेनिंग कैंप में खुद को तैयार करते हैं हार्दिक

हार्दिक ने पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबले से पहले कहा- बतौर आलराउंडर मेरा वर्कलोड किसी अन्य की तुलना में दोगुना या तिगुना है। जब टीम का एक बल्लेबाज क्रीज पर जाकर अपनी बल्लेबाजी खत्म करके आता है तो उसका काम खत्म हो गया होता है, लेकिन मुझे फिर उसके बाद गेंदबाजी करनी होती है। इसलिये मेरे लिए सारा मैनेजमेंट और सब कुछ सेशन के दौरान या फिर ट्रेनिंग या प्री सेशन ट्रेनिंग कैंप के दौरान होता है।


परिस्थितियां देखकर गेंदबाजी पर करते हैं फैसला

वनडे टीम के उपकप्तान ने कहा कि वह मैच की परिस्थितियों को देखकर ही फैसला करते हैं कि वह अपने कोटे के 10 ओवर फेंकेंगे या नहीं। उन्होंने कहा- जब मैच शुरू होता है तो यह टीम की जरूरत पर निर्भर होता है कि मेरे लिए कितने ओवर जरूरी होंगे। अगर 10 ओवर की जरूरत नहीं है तो 10 ओवर डालने का कोई फायदा नहीं है, लेकिन अगर जरूरत है तो मैं 10 ओवर गेंदबाजी करूंगा।


‘हमेशा खुद को सर्वश्रेष्ठ मानें’

हार्दिक ने कहा- मेरा हमेशा ही मानना रहा है कि मैं खुद को सफल होने का मौका देता हूं, जो खेल को देखने से होता है। मैंने महसूस किया है कि भले ही कुछ भी हो, आपको खुद का समर्थन करना चाहिए, आपको भरोसा करना चाहिए कि आप दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हो। यह आपकी सफलता की गारंटी नहीं है, लेकिन यह आपको सफल होने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए हमेशा खुद का समर्थन करें।




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