विदेश सचिव विनय क्वात्रा
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श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे इन दिनों भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की। पीएम मोदी और रानिल विक्रमसिंघे ने समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। दोनों की मौजूदगी में भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा को बतयाा कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई और हाल ही में बड़े संकट से निकले श्रीलंका की हालिया कठिनाइयों और चुनौतियों पर बातचीत की।
पीएम मोदी और विक्रमसिंघे ने समुद्री, हवाई, ऊर्जा, बिजली पर की चर्चा
विक्रमसिंघे की भारत यात्रा को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा कि दोनों नेताओं ने आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया, जो गहरी और आर्थिक साझेदारी पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि साझेदारी से संबंधित भविष्य की साझेदारी का दृष्टिकोण क्या है, इसकी बारीकियों का सार एक व्यापक संयुक्त विजन दस्तावेज में दर्शाया गया है, नेताओं ने समुद्री हवाई साझेदारी, ऊर्जा साझेदारी, बिजली, व्यापार और आर्थिक साझेदारी, वित्तीय साझेदारी, डिजिटल साझेदारी और इसमें लोगों की भागीदारी पर बात की।
दोनों नेताओं ने विजन डॉक्यूमेंट को दिया अंतिम रूप
आगे विनय क्वात्रा ने बताया कि नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित किया गया था, दोनों नेताओं ने दस्तावेजों की एक श्रृंखला (विजन डॉक्यूमेंट) को भी अंतिम रूप दिया, जो आर्थिक सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। पहला था नवीकरणीय ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन, इस समझौता ज्ञापन का फोकस अनिवार्य रूप से दो पहलुओं पर है, एक नवीकरणीय ऊर्जा के पवन-सौर क्षेत्रों में विशिष्ट सहयोग से संबंधित है और भारत और श्रीलंका के बीच बिजली क्षेत्र में उच्च क्षमता इंटरग्रिड कनेक्टिविटी स्थापित करने पर भी है।
पीएम मोदी ने आपसी संबंध को मजबूत करने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, आज हमने हमारी आर्थिक साझेदारी के लिए एक दृष्टिपत्र (विजन डॉक्यूमेंट) अपनाया है। यह विजन है- दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों के आपसी संबंध को मजबूती देने का। इसके साथ ही, पर्यटन, विद्युत, व्यापार, उच्च शिक्षा, और कौशल विकास में आपसी सहयोग को गति देने के साथ ही श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घावधि प्रतिबद्धता का।
हमारे संबंध हमारी सभ्यताओं की तरह ही प्राचीन है
पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, हमारे संबंध हमारी सभ्यताओं की तरह ही प्राचीन भी है और व्यापक भी हैं। भारत की ‘पड़ोसी देश पहले’ नीति और ‘सागर’ विजन, दोनों में भी श्रीलंका का एक महत्वपूर्ण स्थान है। आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, हमारा मानना है, कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित और विकास एक दूसरे से जुड़ें हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करें।
पीएम मोदी ने श्रीलंका में आई आर्थिक कठिनाइयों का जिक्र किया
प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को दिए बयान में पिछले वर्ष श्रीलंका में आई आर्थिक कठिनाइयों का जिक्र किया और कहा, पिछला एक वर्ष, श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है। एक निकटतम मित्र होने के नाते, हमेशा की तरह, हम इस संकट काल में भी श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। विक्रमसिंघे दो दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचे। पिछले साल अभूतपूर्व आर्थिक संकट से प्रभावित होने के बाद से श्रीलंका के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है।