भारतीय वायुसेना के बेड़े में लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई
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भारत रूसी मूल के लड़ाकू विमान- Su-30MKI का इस्तेमाल लंबे समय से कर रहा है। वायुसेना के बेड़े में शामिल इस विमान को अब उन्नत तकनीक से लैस करने की तैयारी हो रही है। वायुसेना 84 विमानों को स्वदेशी तकनीक से विकसित रडार- ‘वीरुपाक्ष’ से लैस करने की योजना बना रही है।
65 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजना
Su-30 MKI लड़ाकू विमान के बेड़े को उन्नत करने के लिए भारतीय वायु सेना को रक्षा मंत्रालय की तरफ से 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज मिला है। इस पैकेज के तहत Su-30MKI बेड़े के 84 विमानों को भारत में निर्मित उन्नत रडार और हथियार प्रणालियों के साथ स्वदेशी रूप से उन्नत किया जाएगा।
वीरुपाक्ष नाम के बारे में जानिए
सुखोई को अपग्रेड करने की योजना के बारे में समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा अधिकारियों ने बताया, “वीरुपाक्ष एक उन्नत रडार है जिसे स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है। यह सैन्य क्षेत्र में स्वदेशीकरण प्रक्रिया को बढ़ावा देने की दिशा में मजबूत कदम होगा।” नाम के बारे में अधिकारियों ने कहा, वीरुपाक्ष भगवान महादेव के नामों में से एक है।
दूसरे विमानों में भी स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल पर जोर
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना ने पहले ही हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट में बदलाव का फैसला लिया है। इस्राइली रडार को स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘उत्तम’ से बदला जाएगा, जबकि अंगद एक्टर्स इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भी इंस्टॉल कराने का फैसला लिया गया है। उत्तम रडार- एक्टर इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे तकनीक से तैयार किया गया है।
वायुसेना 260 विमानों का इस्तेमाल कर रही
बता दें कि Su-30 लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना का मुख्य आधार हैं। 260 विमान पहले से ही सेवा में हैं। लड़ाकू विमानों को अलग-अलग बैच में वायुसेना में शामिल किया गया है। अब ये लड़ाकू बेड़े का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बन गए हैं।
वायुसेना के लिए निर्यात का भी बड़ा अवसर
Su-30MKI विमान के बेड़े उन्नयन योजना को भारतीय वायु सेना निर्यात के अवसर के रूप में भी देखती है। दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के कई देश इस विमान का इस्तेमाल करते हैं। लड़ाकू विमान के बेड़े को उन्नत बनाने के लिए इन देशों में भी एडवांस रडार का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाता है। ऐसे में उत्तम रडार जैसे तकनीक की डिमांड बढ़ रही है। बता दें कि भारत Su-30MKI लड़ाकू विमानों के सबसे बड़े ऑपरेटरों में से एक है। रूसी मूल के विमान को भारत ने नियमित अंतराल पर नई क्षमताओं से लैस बनाया है।