INS Kirpan
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भारत ने वियतनाम के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देते हुए मिसाइल से लैस अपने युद्धपोत ‘आईएनएस कृपाण’ को शनिवार को वियतनाम को उपहार के रूप में सौंप दिया। हालांकि इससे चीन को मिर्ची जरूर लग सकती है। क्योंकि वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने युद्धपोत सौंपने के कार्यक्रम में मौजूद रहे और उन्होंने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी (वीपीएन) को स्वदेश निर्मित सेवारत मिसाइल युद्धपोत का हस्तांतरण समान विचारधारा वाले भागीदारों की उनकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नौसेना प्रमुख ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस कृपाण विशाल समुद्रों पर अपनी यात्रा जारी रखेगा, स्वतंत्रता, न्याय और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के सिद्धांतों को कायम रखते हुए वह स्तंभ बनेगा जिसके चारों ओर ‘अच्छे के लिए बल’ का निर्माण किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का हस्तांतरण भारत के जी20 दृष्टिकोण “वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के अनुरूप है। आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है। उन्होंने कहा कि हमें यकीन है कि वियतनाम नौसेना आईएनएस कृपाण को अपनी राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देने और शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए इसकी विशाल क्षमता का उपयोग करेंगे।
गौरतलब है कि भारत की दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल खोज परियोजनाएँ हैं। इसी मद्देनजर भारत और वियतनाम पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने की गई घोषणा के अनुरूप पोत को वियतनाम को उपहार के तौर पर दिया गया है और उन्होंने कहा था कि स्वदेश निर्मित इन-सर्विस मिसाइल कोरवेट आईएनएस कृपाण वियतनाम पीपुल्स नेवी की क्षमताओं को बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित होगा।आईएनएस कृपाण 28 जून को भारत से वियतनाम के लिए रवाना हुआ था और 8 जुलाई को वियतनाम के कैम रान्ह पहुंचा था।