हाफ सेंचुरी मारते ईशान किशन
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम का टॉप आर्डर लड़खड़ाया और सौ रनों के पहले चार महत्वपूर्ण विकेट निकल गए तो बिहार के लोगों ने ईशान किशन से उम्मीदें बांध ली। बिहार के लाल ईशान उम्मीदों पर खरे भी उतरे। उन्होंने जैसे ही हाफ सेंचुरी ठोकी और भारतीय टीम को सम्मानजक स्कोर की ओर ले जाने में हार्दिक पांड्या के साथ क्रिज पर जमे दिखे तो हर शॉट पर बिहार में जश्न का माहौल रहा। पटना में ईशान के प्रणव पांडे के मोबाइल पर लगातार बधाइयों के मैसेज आने लगे।
टीचर ने निकाल दिया था स्कूल से
ईशान किशन बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे। ईशान किशन के मित्र यशस्वी सिंह का कहना है कि क्रिकेट के प्रति उनका गजब का जुनून था। उन्होंने कहा कि मैंने ईशान के जैसा क्रिकेट का दीवाना नहीं देखा। ईशान का क्रिकेट के प्रति अगाध प्रेम की वजह से वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते थे। और इसी वजह से वे पढ़ाई में पीछे हो गए थे। तब टीचर ने साफ कह दिया था कि पढ़ाई और क्रिकेट एकसाथ नहीं चल सकता है, ईशान को दोनों में से एक रास्ता चुनना होगा। तब ईशान ने टीचर को स्पष्ट रूप से कह दिया कि वह खेल के लिए पढ़ाई भी छोड़ सकते हैं। ईशान के इस जवाब की वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।