Mohammed deif
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गाजा पट्टी से आतंकी समूह हमास ने शनिवार को इस्राइल पर पांच हजार रॉकेट दागे। हमास की इस्राइल पर इस तरह की कार्रवाई ने सभी को हैरान कर दिया है। दुनियाभर की सबसे तेज खुफिया एजेंसी में शुमार इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद भी हमास की तैयारी को नहीं भांप पाई। नतीजा यह रहा कि हमास ने अपनी सारी हदें पार कर दी। दुनियाभर के देश हमास के ताबड़तोड़ रॉकेट को देख हैरान हो गए। हमास के हमले को देखकर लगता है कि यह एक या दो दिन की नहीं बल्कि कई वर्षों की तैयारी है। आईये बताते हैं आपको, आखिर कौन है हमास के हमले का मास्टरमाइंड?
इस्राइल पर हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद देइफ?
जी हां, मोहम्मद देइफ, फलस्तीन का कमांडर। जिसने इस्राइल पर हमले की पूरी कहानी को वास्तविकता में बदल दिया। मोहम्मद देहफ के ऑडियो टेप में साफतौर पर सुनाई दे रहा है कि कैसे वह इस्राइल पर हमले के लिए बेताब था। ऑडियो टेप में फलस्तीन कमांडर मोहम्मद देइफ ने कहा, ‘कई सालों से इस्राइल ने गाजा को चारों तरफ से घेरा हुआ है। पश्चिमी देशों और अमेरिका की वजह से कोई हमारे समर्थन में आवाज नहीं उठाता है। दुनियाभर के देशों ने हमे अकेला छोड़ दिया। लेकिन हमने अब ठान लिया है अब ऐसा नहीं होगा’। रॉयटर्स की रिपोर्ट के माने तो इस्राइल पर हुए हमले की पूरी प्लानिंग मोहम्मद देइफ ने ही रची थी। मोहम्मद देहफ दो साल पहले अल-अक्सा मस्जिद में इस्राइली सेना की कार्रवाई को लेकर काफी दुखी था। बदले की भावना लिए उस दिन से उसने ठान लिया कि इस्राइल को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
कौन है मोहम्मद देइफ?
मोहम्मद देइफ 1965 में गाजा के रिफ्यूजी कैप में जन्मा था। उस समय गाजा पर मिस्र का कब्जा था। 1950 में इस्राइल में हथियार की घुसपैठ में उसका पिता भी शामिल था। देइफ ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। बचपन से यहूदियों के खिलाफ चल रहे युद्ध को बेहद करीब से देख रहा था। नतीजा यह रहा कि देइफ 2002 में हमास के मिलिट्री विंग में हेड बना है। जब हमास की स्थापना हुई उस वक्त देइफ की उम्र महज 20 साल थी।
1993 में अमेरिका में एक समझौता हुआ। जिसे ‘ओस्लो समझौता’ कहा गया। ये समझौता इस्राइल और फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के बीच हुआ था। जिसके तहत पीएलओ ने इस्राइल को मान्यता दे दी। लेकिन यह समझौता हमास की समझ से परे था। हमास का मानना था कि फलस्तीनियों को वह सारी जमीन वापस मिलनी चाहिए जो उसके पास 1948 के अरब-इस्राइल युद्ध के पहले से थी। ओस्लो समझौते के खिलाफ हमास ने 1996 में इस्राइल पर एक हमला कर दिया। जिसमें तकरीबन 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद से मोहम्मद देइफ दुनिया की नजरों में आया, लेकिन इस्राइल का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया।
इस्राइल ने कई बार रची देइफ हत्या की साजिश,लेकिन हमेशा बचता रहा
1996 में इस्राइल पर हमले के बाद से ही देइफ इस्राइल की नजर में था। इस्राइल की मोस्ट वांटेड लिस्ट पर सबसे पहले स्थान पर था। यहां तक इस्राइल ने 2021 में उसकी हत्या की सात बार कोशिश की, लेकिन शातिर मोहम्मद देइफ हमेशा बच निकला। अमेरिका के मुताबिक, 2014 में इस्राइल और हमास के बीच घातक संघर्ष हुआ। जांच में यह बात सामने आई कि देइफ इस हमले का का मास्टर माइंड था। जिसके बाद से अमेरिकी विदेश विभाग ने उसे आतंकवादी की सूची में डाल दिया था। 2014 में इस्राइली सेना ने फिर से देइफ की हत्या करने की कोशिश की। इस हमले में देइफ ने अपनी पत्नी और अपनी बेटी,बेटे को खो दिया। इस्राइली सेना ने एक घर पर हमले कर देइफ को जान से मारने की कोशिश की। इसमें भी वो नाकाम रही, हमले में देइफ की पत्नी और सात महीने का बेटा और एक 3 साल की बेटी मारी गई। कई कोशिशों के बाद भी मोहम्मद देइफ हमेशा बचता रहा। जिसे कारण से बुलेट प्रूफ लीजेंड भी कहा जाने लगा।
मोहम्मद देइफ ने इस्राइल पर हमला करने के लिए एक प्लान तैयार किया। जिसकी भनक किसी को नहीं थी। यहां तक की हमसा का हितैषी कहे जाने वाला देश ईरान को भी नहीं लगने दी। जिसका नतीजा यह रहा कि सात अक्तूबर को पूरी प्लानिंग के साथ हमास ने इस्राइल के पवित्र त्योहार के दिन पांच हजार रॉकेट दाग दिए। साथ ही बॉर्डर में मौजूद फेंसिंग को हटाकर इस्राइल के शहरों में घुस गए और सैन्य वाहनों को कब्जे में ले लिया। इस्राइल में हमास के हमलों से 1200 से ज्यादा की मौत हुई है तो वहीं गाजा पट्टी में इस्राइली वायुसेना के वार से 900 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।