इस्राइल और हमास के बीच जंग जारी।
– फोटो : Social Media
विस्तार
हमास के आतंकी हमले में हजारों लोगों की मौत के बाद इस्राइली सेना की जवाबी कार्रवाई में हमास के कमांडरों के मारे जाने की खबर सामने आई है। दोनों तरफ से जारी गोलाबारी में कई मासूमों की जान भी जा रही है। नेपाल के विदेश मंत्री सऊद का कहना है कि हमास ने एक नेपाली छात्र को बंधक बना लिया है। नेपाल सरकार ने रविवार को कहा, हमास के हमले के बाद लापता हुए नेपाली छात्र को बंधक बना लिया है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से उसे ढूंढने के प्रयास जारी हैं।
भारतीय मूल की दो सुरक्षाकर्मियों की मौत
इस्राइल में जारी युद्ध में कई देशों के नागरिकों की मौत की खबरों के बीच भारतीय मूल के दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के हमले में भारतीय मूल की दो महिला 2 इस्राइली सुरक्षा अधिकारी मारी गईं।
मृतकों की पहचान
आधिकारिक सूत्रों और समुदाय के लोगों ने रविवार को इसकी पुष्टि की। सूत्रों ने बताया कि 7 अक्टूबर को हुए हमले में अशदोद के होम फ्रंट कमांड के कमांडर 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस और पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की सीमा पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर किम डोकरकर मारे गए। दोनों युद्ध के दौरान ऑनड्यूटी मारे गए।
लापता लोगों की तलाश जारी
सेना अधिकारियों के मुताबिक, संघर्ष में अब तक सेना के 286 जवान और 51 पुलिस अधिकारी मारे गए हैं। समुदाय के कई सदस्यों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी लोगों की मौत की खबरें सामने आ सकती हैं। इस्राइल मृतकों की पहचान की पुष्टि कर रहा है। लापता या संभवत: अपहृत लोगों की तलाश भी जारी है।
आतंकी हमले में 10 छात्रों की मौत
बता दें कि दक्षिणी इस्राइल में हमास के हवाई हमलों में 10 नेपाली छात्र मारे गए थे। नेपाल सरकार के अनुसार, आतंकी हमलों के बीच छह छात्रों को बचा लिया गया, जबकि एक लापता हो गया। सरकार के अनुसार, 17 नेपाली छात्र ‘सीखो और कमाओ’ योजना के तहत फार्म पर प्रशिक्षु के रूप में काम कर रहे थे। विदेश मंत्री एनपी सऊद ने काठमांडू में कहा, बिपिन जोशी नाम के नेपाली छात्र ने अन्य नेपाली छात्रों की जान बचाई थी। हमास ने उन पर ग्रेनेड से हमला किया था। अब उनकी लोकेशन का पता नहीं है। आतंकवादी समूह ने उनका अपहरण कर लिया है।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मदद की अपील
उन्होंने कहा, “जोशी को हमास ने बंधक बना लिया है। उनके सहयोगियों से मिली जानकारी के आधार पर, हमास ने जोशी और थाई नागरिकों के एक समूह को बंधक बनाया है। नेपाल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशनों से जोशी का पता लगाने में सहायता करने का अनुरोध किया है।” सऊद ने कहा, जोशी पर दो हथगोले फेकें गए, लेकिन वे खुद को बचाने में सफल रहे। उन्होंने कहा, “आतंकवादी हमले में मारे गए 10 नेपाली छात्रों के शवों को इजरायली सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है।”
इस्राइल सरकार के संपर्क में नेपाल, लोगों की वापसी के प्रयास जारी
नेपाल के विदेश मंत्री सऊद ने कहा, “मैंने इस मामले पर इस्राइल के विदेश मंत्री (एली कोहेन) से बात की है, और हम शवों को जल्द से जल्द वापस लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस्राइल में नेपाली राजदूत ने भी शवों को जल्द से जल्द नेपाल वापस लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।”
संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की अपील
नेपाल सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है। सरकार ने आगाह किया है कि जब तब बहुत जरूरी न हो, इस्राइल की यात्रा न करें। जरूरी होने पर अत्यधिक सावधानी बरतें। आवश्यक सुरक्षा उपाय भी करें। उन्होंने कहा कि पश्चिमी एशिया (मध्य पूर्व मुद्दे) में हो रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए।
बेहद खौफनाक हमला, पीड़ित 20 साल से भी कम आयु के
उन्होंने कहा, “हमास की तरफ से नेपाली छात्रों पर हमले की जितनी निंदा करें कम है। कई युवा 20 साल से भी कम उम्र के हैं। सऊद ने कहा, हमास ने बंकर में छिपे नेपाली छात्रों को ग्रेनेड विस्फोट और गोलीबारी समेत कई तरीके से निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल छात्रों में से एक का फिलहाल इस्राइल में इलाज चल रहा है।
254 छात्र सुरक्षित लौटे नेपाल
विदेश मंत्री ने कहा कि इस्राइल में अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लगभग 200 नेपाली नागरिकों ने घर लौटने की इच्छा जाहिर की है। ऑनलाइन फॉर्म भरे जा चुके हैं। सरकार जल्द ही कुछ व्यवस्था करेगी। बता दें कि शुक्रवार को इजराइल से बचाए गए 254 नेपाली छात्रों का एक समूह काठमांडू पहुंचा।
नेपाल के कितने नागरिक इस्राइल में हैं?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, नेपाल के 265 छात्र इस्राइल सरकार की तरफ से वित्त पोषित ‘सीखो और कमाओ’ योजना के तहत इस्राइल के अलग-अलग हिस्सों में पढ़ रहे थे। लगभग 4,500 नेपाली नागरिक विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों में काम कर रहे थे।