इस्राइल में प्रदर्शन।
– फोटो : ANI
विस्तार
इस्राइल में न्यायिक सुधार विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में रैली निकाली। न्यायिक सुधार बिल पर पहले से ही बवाल मचा हुआ है। बिल के लिए अगले सप्ताह की शुरुआत में अंतिम मतदान किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने नेसेट के पास एक टेंट सिटी स्थापित की है।
यह है पूरा मामला
प्रदर्शनकारियों ने न्यायिक बदलाव के खिलाफ रैली निकालते हुए तेलअवीव और यरूशलेम में विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इस्राइली मीडिया के अनुसार, नेतन्याहू सरकार देश के न्यायिक व्यवस्था में सुधार के लिए एक प्रस्ताव लाई है, जिसके बाद शनिवार को प्रदर्शन किया गया। बिल लागू होने के बाद सरकार को न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार मिल सकेगा। विधेयक को कानून बनने में अतिरिक्त दो वोटों के पारित होने की आवश्यकता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल के कारण देश दो घड़ो में बंट गया है। बिल ने इजराइल के इतिहास में सबसे बड़े विरोध आंदोलनों में से एक को जन्म दिया है।
लोकतंत्र को खतरा
नेतन्याहू सरकार के खिलाफ लोगों का आरोप है कि सरकार की योजना देश की जांच व्यवस्था पर हमला है। उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। यहूदी महिलाओं की राष्ट्रीय परिषद प्रमुख शीला काट्ज ने कुछ समय पहले कहा था कि यह न्यायिक सुधार के बारे में नहीं है, यह लोकतंत्र के बारे में है। कोर्ट पवित्र होते हैं। कोर्ट लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए होते हैं, इसलिए कोर्ट को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
न्यायिक सुधार नीति में यह होंगे प्रावधान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू सरकार की न्यायिक सुधार नीति के तहत कोर्ट की शक्तियां काफी कम हो जाएगी। योजना के तहत अब संसद में कोर्ट के किसी भी फैसले को बहुमत के जरिए बदल सकते हैं। अदालत संसद द्वारा बनाए गए कानूनों की समीक्षा नहीं कर पाएगी। चूंकि इस्राइली संसद में नेतन्याहू के पास बहुमत है इसलिए वह कोर्ट के किसी भी फैसले को पलटने में सक्षम हैं।
पीएम नेतन्याहू अस्पताल में भर्ती
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। पीएम के कार्यालय ने रविवार तड़के यह जनकारी दी। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इस्राइली प्रधानमंत्री को बेहोश किया जाएगा। एक शीर्ष डिप्टी, न्याय मंत्री यारिव लेविन को उनके स्थान पर खड़ा होना था। यह प्रक्रिया नेतन्याहू को उनके कार्यालय द्वारा निर्जलीकरण के कारण अस्पताल में भर्ती कराए जाने के एक सप्ताह बाद आई है।