ISRO: विक्रम-प्रज्ञान को नींद से जगाने के लिए इसरो आज फिर करेगा कोशिश, एक दिन पहले नहीं मिली थी सफलता

ISRO: विक्रम-प्रज्ञान को नींद से जगाने के लिए इसरो आज फिर करेगा कोशिश, एक दिन पहले नहीं मिली थी सफलता



इसरो गगनयान
– फोटो : social media

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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 15 दिन की जमा देने वाली रात के बाद फिर सवेरा हुआ है। ऐसे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को एक बार फिर नींद से जगाने की कोशिशों में जुट गया है। शुक्रवार को इनसे संपर्क की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। अब शनिवार को फिर उन्हें जगाने की कोशिश होगी। 

शुक्रवार को इसरो ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट में कहा, विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए, ताकि उनके जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे। इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक निलेश देसाई ने कहा, हमने लैंडर और रोवर दोनों को स्लीप मोड पर डाल दिया था क्योंकि तापमान शून्य से 120-200 डिग्री सेल्सिस तक नीचे चला जाता है। उम्मीद है कि रोवर और प्रज्ञान से फिर संपर्क होगा। 

15 दिन स्लीप मोड में रखे गए थे दोनों

इसरो ने रोवर को 2 सितंबर और लैंडर को 4 सितंबर को स्लीप मोड में डाल दिया था। लेकिन विक्रम और रोवर को सुलाने से पहले इसरो ने उनके सौर पैनलों को इस तरह से रखा था कि चंद्रमा पर सुबह होते ही सूरज की सीधी रोशनी उन पर पड़े। इसके अलावा, बैटरी भी पूरी तरह चार्ज कर दी थी। अब चंद्रमा पर रात के बाद फिर दिन हुआ है और इसरो को उम्मीद है कि सूरज की रोशनी से विक्रम और प्रज्ञान में लगे सौर पैनल चार्ज होंगे तो एक बार फिर दोनों काम करने लगेंगे। अगर ऐसा होता है तो वैज्ञानिकों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और उन्हें कम से कम अगले 15 दिनों तक चंद्रमा के बारे में कुछ और नई और महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाने का मौका मिल जाएगा।








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