एस जयशंकर
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विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि आज कि दुनिया एक बहुत ही ध्रुवीकृत दुनिया है और वैश्विक मंच बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। पीएम मोदी की पिछली अमेरिका यात्रा इतिहास की सबसे उपयोगी यात्रा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम साझा उद्देश्यों की पूर्ति और दुनिया को आकार देने के लिए अमेरिका के साथ एक सकारात्मक डोमेन में चले गए हैं। यहां यूरोप पर दिया जा रहा ध्यान भी उल्लेखनीय है। हमारे सामने सबसे बड़ा मुद्दा मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है, जिसके लिए अतीत की तुलना में हम अधिक आशान्वित हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे संबंध तमाम उथल-पुथल के बावजूद स्थिर रहे हैं। हमने इसके महत्व के बारे में वर्षों से अपना मूल्यांकन किया है। रूस के साथ संबंधों को सिर्फ रक्षा निर्भरता तक सीमित करना एक गलती है। रूस के साथ हमारे संबंधों के आर्थिक हिस्से में सुधार हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कहा, “हम आतंकवाद को सामान्य नहीं होने दे सकते, हम इसे पाकिस्तान के साथ चर्चा का आधार नहीं बनने दे सकते। जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद की नीति पर चलता है, तब तक सामान्य संबंध रखना संभव नहीं है।”
चीन बड़ा पड़ोसी पर अच्छे संबंधों के लिए पहल दोनों ओर से होनी चाहिए
चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “चीन के संबंध एक कठिन मोड़ पर रहा है, यह एक बड़ा पड़ोसी है पर अच्छे संबंधों के लिए दोनों तरह से समान कोशिश होनी चाहिए। एक-दूसरे के हितों का सम्मान होना चाहिए और समझौतों का पालन करना चाहिए। आखिरकार सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति निर्धारित करेगी। चीन के साथ सीमा की स्थिति अब भी असामान्य है।”