डीजीपी दिलबाग सिंह
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डीजीपी दिलबाग सिंह ने वीरवार को दावा किया कि पिछले 30 वर्षों में आतंकवाद सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। फिर चाहे बात आतंकी गतिविधियों की हो या फिर युवाओं के आतंकवाद में शामिल होने की। यहां तक कि कानून व्यवस्था से लेकर पुलिस कर्मियों की शहादत तक में कमी आई है। यह पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मेहनत का नतीजा है।
दिलबाग सिंह ने आंकड़ें बताते हुए कहा कि सबसे कम आतंकी वारदातें वर्ष 2013 में हुई थीं। तब 113 आतंकी वारदातें हुई थीं। उसमें 25 नागरिकों की हत्या हुई। लेकिन वर्ष 2023 में सिर्फ 42 मामले ही संबंधित हुए हैं, जबकि 12 नागरिकों की हत्या हुई।
अहम बात यह है कि वर्ष 2023 में सिर्फ 10 युवा आतंकवाद में शामिल हुए, जिनमें से 6 को मार गिराया गया है। अब तक सबसे कम युवाओं का आतंकवाद में शामिल होना 2018 में था, तब 210 युवा शामिल हुए थे। यह भी बताया कि वर्ष 2022 में कानून व्यवस्था बिगड़ने के 26 मामले थे, जो इस साल सिर्फ 3 हैं। यह भी बताया कि इस वर्ष सिर्फ एक पुलिसकर्मी शहीद हुआ, जबकि पिछले साल 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
तेजी से फैल रहा नारको आतंकवाद का जाल
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि नशा तस्करी पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है, हालांकि इसका जाल तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में नारको आतंकवाद के 40 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में शामिल 70 आरोपी गिरफ्तार किए गए है, जबकि 400 किलो नशे की खेप पकड़ी गई है। इन मामलों में 100 आईईडी, गोला-बारूद, हथियार और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2018 में नशा तस्करी से संबंधित 928 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें 1308 लोग गिरफ्तार किए गए। मौजूदा वर्ष में अब तक 1915 मामले दर्ज किए गए हैं और 2642 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इससे साफ है कि नशा तस्करी कितनी तेजी से बढ़ रही है।