यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह
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हिंदू हृदय सम्राट के रूप में राजनीतिक कद हासिल करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ‘बाबूजी’ कल्याण सिंह के देहावसान को दो बरस बीत गए। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 21 अगस्त व पंचांग के अनुसार बाबूजी का देहांत रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले हुआ था। अगले दिन उनका पार्थिव शरीर अलीगढ़ लाया गया था। यहां अहिल्याबाई होल्कर स्पोट्र्स स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए सैलाब उमड़ पड़ा था। आज उनकी द्वितीय पुण्यतिथि हिंदू गौरव दिवस के रूप में मनाई जा रही है, फिर वही सैलाब अपने बाबूजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने को नुमाइश मैदान में उमड़ेगा।
मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजे गए पूर्व राज्यपाल व पूर्व सीएम कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अतरौली के गांव मढ़ौली में हुआ। वे 1967 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद उनके सियासी कदम पीछे नहीं हटे और पिछड़े वर्ग में हिंदुत्व-हिंदी पट्टी में भगवा राजनीति की पटकथा लिखने वाले नायक के रूप में उभरे। प्रदेश के मुख्यमंत्री तक बने। बाद में राजस्थान के राज्यपाल रहे। रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले 21 अगस्त 2021 की रात 9:15 बजे लखनऊ पीजीआई में लंबी बीमारी के चलते उन्होंने अंतिम सांस ली।
यह खबर मिलते ही समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। अगले दिन यानि रक्षाबंधन के दिन 22 अगस्त को उनका शव खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व परिजन अलीगढ़ लेकर आए। यहां रामघाट रोड स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए शव रखा गया और 23 अगस्त को अंतिम यात्रा यहां से नरौरा गंगा घाट तक गई। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस बीच अतरौली में भी कुछ देर उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
आज उन्हीं बाबूजी की दूसरी पुण्यतिथि पर हिंदू गौरव दिवस का आयोजन नुमाइश मैदान में किया जा रहा है। जिसमें पचास हजार से अधिक समर्थकों व अनुयायियों के जुटने का अनुमान है।