Kargil Vijay Diwas: कारगिल जवानों की शहादत बनीं युवाओं की प्रेरणा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कारगिल की लड़ाई में जनपद के वीर सपूतों का बड़ा योगदान रहा है। मां भारती के आन-बान और शान के लिए यहां के छह जाबाजों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिया, जिनके वीरता की कहानी सुनकार आज भी जनपदवासियों को गर्व होता है। यही नहीं, इन्ही से प्रेरणा लेकर आज हजारों की संख्या में लोग सेना में ही अपना करियर चुना है। जबकि बड़ी संख्या में लोग इसकी तैयारी भी कर रहे हैं।
य़ह भी पढ़ें- Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल विजय दिवस पर तिरंगा संग जवानों की उतारी आरती, गंगा तट फूलों से हुआ सम्मान
15 जून 1999 को जिले नंदगंज के बाघी गांव के नायक शेषनाथ सिंह यादव और बिरनो के भैरोपुर के सीएनएफ कमलेश सिंह शहीद हो गए थे। तीन जुलाई को भांवरकोल थाना क्षेत्र के पखनपुरा गांव के ग्रेनेडियर मुहम्मद इश्तियाक खां के भी शहीद होने की खबर मिली थी। जबकि 20 अगस्त को इसी थाना क्षेत्र के पंडितपुरा गांव के ग्रेनेडियर जयप्रकाश यादव और अगले ही दिन 21 अगस्त को मुहम्मदाबाद के पड़इनिया गांव के लांसनायक रामदुलार यादव शहीद हो गए थे। एक सितंबर को देवकली ब्लॉक के धनईपुर निवासी लांसनायक संजय कुमार सिंह यादव भी शहीद हुए।
कर्नल अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि कारिगल के युद्ध में जनपद के छह जवान शहीद हो गए थे। जिनके सम्मान में हर साल आयोजन किया जाता है। इस जिले में करीब 30 हजार भूतपूर्व सैनिक हैं, जबकि इतने ही जवान इस समय देश की सेवा में लगे हैं।
आश्वासन के बाद भी नहीं लगा गेट
देवकली। देवकली ब्लाक के धनईपुर ग्राम के निवासी शहीद संजय सिंह यादव की धर्म पत्नी राधिका यादव, पुत्र गौरव यादव,भाई अजय यादव, सौरभ यादव, बाबा दुखरन यादव ने बताया अमर शहीद के नाम पर पहाड़पुर चौराहे पर शहीद द्वार बनाने के लिए शासन द्वारा आश्वासन दिया गया था। लेकिन, आज तक नहीं बनाया गया।