Karnataka: ‘मां की देखभाल करना बेटों का कर्तव्य’, अदालत ने खारिज की गुजारा भत्ता नहीं देने की मांग वाली याचिका

Karnataka: ‘मां की देखभाल करना बेटों का कर्तव्य’, अदालत ने खारिज की गुजारा भत्ता नहीं देने की मांग वाली याचिका



Karnataka High Court
– फोटो : PTI

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन दो भाइयों की दलीलों को खारिज कर दिया है, जो अपनी बुजुर्ग मां को गुजारा भत्ता देने को तैयार नहीं थे। कोर्ट ने कहा कि वे कानून, धर्म और रीति-रिवाजों से बंधे हैं। इसलिए दोनों भाइयों को अपनी मां को गुजारा भत्ता देना होगा।

बता दें कि मई 2019 में गोपाल और महेश नाम के दोनों भाइयों को मैसूरु के असिस्टेंट कमिश्नर ने उनकी मां वेंकटम्मा को भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 5-5 हजार रुपये देने का आदेश दिया था। इसके बाद दोनों भाइयों ने इस फैसले को डिप्टी कमिश्नर के समक्ष चुनौती दी, जिन्होंने राशि बढ़ाकर 10-10 हजार रुपये कर दी।

हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

इसके बाद दोनों भाइयों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने डिप्टी कमिश्नर के आदेश को बरकरार रखा और दोनों भाइयों की दलीलों को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।








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