सुप्रीम कोर्ट।
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राष्ट्रीय लोक अदालत के तीसरे आयोजन में 1.67 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारा किया गया। इनमें 32.27 लाख मामले लंबित थे और 1.35 करोड़ मामले प्री-लिटिगेशन वाले थे। राष्ट्रीय लोक अदालत दिल्ली और मणिपुर के अलावा, देश के सभी राज्यों में आयोजित किए गए।
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्रधिकरण (एनएएलएसए) और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदय कौल के नेतृत्व में देशभर के कानूनी प्राधिकरणों ने साल 2023 के तीसरे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। बता दें, जस्टिस कौन एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। एनएएलएसए ने एक बयान जारी कर बताया कि लोक अदालत में हुए निपटान से न सिर्फ अदालतों में लंबित मामलों का बोझ कम हुआ बल्कि भविष्य की मुकदमेबाजी भी नियंत्रित हुई। बता दें, राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते, राजस्व-बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना दावे, वैवाहिक विवाद, चेक बाउंस और श्रम विवाद सहित अन्य विवाद शामिल थे। बता दें, वैवाहिक विवाद में तालाक का मामला शामिल नहीं है।
जस्टिस कौल ने लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए न्याय तक त्वरित और किफायती पहुंच की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आगामी राष्ट्रीय लोक अदालतों के लिए एनएएलएसए को निर्देश दिए। एनएएलएसए का कहना है कि लोक अदालतों के कारण लंबित मामलों का निपटारा हो गया। साथ ही वे अदालतों का बोझ भी प्रभावी तरीके से कम हो सका।