नारायण राणे
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
लोकसभा में मणिपुर से जुड़े अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। मणिपुर के बारे में बोलते हुए खासतौर पर शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, उद्धव ठाकरे गुट से अरविंद सावंत और भाजपा से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे सहित प्रमुख आवाजों ने मंच संभाला। अपने भाषण के दौरान श्रीकांत ने महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन पर कई कटाक्ष किए। वहीं, दक्षिण मुंबई के सांसद अरविंद सावंत ने इसके जवाब में एकनाथ शिंदे समूह को ‘कायर’ कहा।
दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव पर अरविंद सावंत ने शिंदे की शिवसेना और पीएम मोदी की आलोचना की। इससे नाराज केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे अपना आपा खो बैठे और उनके खिलाफ सख्त भाषा का इस्तेमाल किया। मंत्री नारायण राणे ने टिप्पणी की कि अविश्वास प्रस्ताव पर वह कई भाषण सुन चुके हैं। ऐसा लग रहा जैसे मैं दिल्ली में संसद भवन के बजाय महाराष्ट्र की विधानसभा में बैठा हूं।
अरविंद सावंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर श्रीकांत शिंदे को आक्रामक तरीके से जवाब दिया था। सावंत ने बोलते हुए हिंदुत्व के मुद्दे को छुआ। इसके जवाब में नारायण राणे ने एक सवाल उठाया, ‘अगर हिंदुत्व के लिए इतना ही स्नेह था, तो 2019 में शरद पवार के साथ गठबंधन करते समय यह चिंता का विषय क्यों नहीं बन गया?’ राणे ने इसके बाद कहा कि वह 1967 के शिवसैनिक हैं। इसके बाद उद्धव गुट के सांसद हंगामा करने लगे तो राणे अपना आपा खो बैठे। उन्होंने कहा, अरे बैठ, नीचे बैठ।
उधर, आम आदमी पार्टी ने इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। पार्टी ने मंत्री नारायण राणे पर आरोप लगाया है। आप ने कहा कि क्या भाजपा के मंत्री को अभद्र भाषण के लिए निलंबित किया जाएगा? वीडियो में देखा जा सकता है कि सदन की कार्यवाही और चर्चा के दौरान राणे ने उद्धव गुट के लिए ‘औकात’ शब्द का इस्तेमाल भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
इस दौरान कुर्सी पर बैठे सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने राणे को टोका और उन से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करने के लिए कहा। उन्होंने दो बार राणे को टोका और बैठने के लिए कहा।