Justice Pradip Kumar Mohanty
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एक उच्च स्तरीय खोज समिति ने भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। बता दें, यह एक साल से अधिक समय से बिना स्थायी अध्यक्ष के काम रहा है।
लोकपाल अपने नियमित प्रमुख के बिना काम कर रहा था
यह पद पिछले साल 27 मई को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हो गया था। इसके बाद लोकपाल अपने नियमित प्रमुख के बिना काम कर रहा था। हालांकि, लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती वर्तमान में लोकपाल कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। फिलहाल लोकपाल में पांच सदस्य हैं। न्यायिक सदस्य के दो और गैर न्यायिक सदस्य का एक पद रिक्त है।
आठ सदस्य का होता है लोकपाल
लोकपाल का एक अध्यक्ष होता है और इसमें आठ सदस्य हो सकते हैं, जिसमें चार न्यायिक और बाकी गैर-न्यायिक। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया था कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के पदों पर विचार करने के लिए पैनल की सिफारिश करने के उद्देश्य से एक सर्च समिति का गठन किया है।
जस्टिस रंजना देसाई लोकपाल खोज समिति की अध्यक्ष
केंद्र सरकार ने पिछले महीने भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के प्रमुख और सदस्यों की सिफारिश करने के लिए 10 सदस्यीय खोज समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख सामंत कुमार गोयल और सूचना आयुक्त हीरा लाल सामरिया भी इस समिति के सदस्यों में हैं।
28 सितंबर अतिंम तिथि
खोज समिति द्वारा जारी एक विज्ञापन में कहा गया है कि लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के पदों पर नियुक्ति के लिए योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आवेदन या नामांकन 28 सितंबर शाम 5 बजे तक जमा करा सकते हैं। विज्ञापन में कहा गया है कि अंतिम तिथि और निर्धारित समय के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। विज्ञापन में कहा गया है कि अंतिम तिथि और निर्धारित समय के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
2013 में आया लोकपाल
जानकारी के लिए बता दें कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम जो कुछ श्रेणियों के लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की परिकल्पना करता है, इस अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था। एक लोकपाल प्रमुख और उसके सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशें प्राप्त करने के बाद की जाती है, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश या एक न्यायाधीश शामिल होते हैं।