मृतका इष्टी।
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कृष्णानगर इलाके में शनिवार की रात तेज बारिश के दौरान स्ट्रीट लाइट के खंभे के खुले तारों में आ रहे करंट की चपेट में छात्रा इष्टी आ गई। लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के वक्त छात्रा कोचिंग से घर लौट रही थी। छात्रा को बचाने में एक राहगीर को करंट का झटका लगा। मूलरूप से बंथरा की कृष्णलोक कॉलोनी निवासी कारोबारी विनीत द्विवेदी सूरत में फैक्टरी चलाते हैं। उनकी पत्नी यथा द्विवेदी बच्चों के साथ कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी सेक्टर-डी में किराये के मकान में रहती हैं।
विनीत की बेटी 16 वर्षी बेटी इष्टी इंटर की छात्रा है और फिनिक्स मॉल के पास स्थित आकाश कोचिंग में जेईर्ई की तैयारी कर रही है। रोज की तरह वह चार बजे घर से कोचिंग गई थी। रात आठ बजे क्लास खत्म होने के बाद कोचिंग से निकली तो तेज बारिश होने लगी। कुछ ही देर में सड़क पर जलभराव हो गया। इष्टी सड़क के किनारे-किनारे होकर पिकैडली होटल जाने वाली रोड की तरफ जाने लगी। इस बीच तनिष्क शोरूम के सामने लगे स्ट्रीट लाइट के खंभे में करंट आ रहा था। इष्टी करंट की चपेट में आ गई।
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बेटी की मौत की खबर मिलते ही मां हुई बेसुध
छात्रा इष्टी परिवार में सबसे बड़ी थी। उसके एक छोटा भाई आठ वर्षीय प्रणव है। घर पर मौजूद यथा को जब बेटी इष्टी की मौत की खबर मिली तो वह बेहोश हो गईं। रिश्तेदारों ने किसी तरह उन्हें संभाला। होश में आने पर वह बार-बार बेटी को याद कर बेसुध हो जा रही थीं।
बचाने में एक राहगीर को लगा करंट
खंभे में खुले तारों की वजह से उसमें आ रहे करंट की चपेट में आकर इष्टी झुलसकर गिर पड़ी। कुछ देर तक वह छटपटाती रही। तेज बारिश के चलते लोगों को घटना का पता नहीं चल सका। इस बीच गुजर रहे राजाजीपुरम निवासी सुमित ने छात्रा को तड़पता देख उसे बचाने का प्रयास किया। वह खंभे के पास पहुंचा तो उसे भी करंट लगा। इसके बाद उसने अन्य राहगीरों की मदद से लकड़ी के डंडे से किसी तरह उसे घसीटकर किनारे किया। सुमित अपनी कार से उसे अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके बाद इष्टी को अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि परिजनों ने किसी तरह की कोई कार्रवाई न करने और पोस्टमार्टम न कराने की बात कही। इसे लिखित में लेकर शव उनके हवाले कर दिया गया।