सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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पुलिस के सामने वकीलों की भीड़ बवाल करती रही। एक रोडवेज बस में घुसकर चालक को पीटा, यात्रियों से अभद्रता की। इससे बस में बैठीं महिलाएं, युवतियां और बच्चे दहशत में आ गए। बेटी संग कार से जा रहे युवक को भी नहीं छोड़ा। उससे भी मारपीट की। अन्य कई राहगीरों और पुलिसकर्मियों से भी वकीलों का यही रवैया रहा। पुलिस अफसर मूकदर्शक बने रहे। वे सिर्फ समझाने में जुटे रहे। सख्ती नहीं करने की वजह से बवाल होता रहा।
वकीलों ने जैसे ही परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन शुरू किया, चारों तरफ यातायात पूरी तरह से थम गया। जिसने भी आगे बढ़ने का प्रयास किया, मारपीट कर वकीलों ने उसे खदेड़ दिया। इसी दौरान एक रोडवेज बस वहां पहुंच गई। बस में अधिकतर महिला यात्री मौजूद थीं। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि भीड़ बस में घुस गई। बस चालक को पीटने लगे। भीतर बैठे यात्रियों से अभद्रता करने लगे। यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। तब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, किसी तरह से उनको बाहर निकाला। वहीं, एक शख्स पत्नी व बेटी के साथ कार से जा रहा था। वकीलों ने उसकी कार रुकवा ली। कार चला रहे शख्स को पीटने लगे। कार में बैठी उनकी बेटी सहम गई। एडीसीपी ने बताया कि कार सवार को किसी तरह से वहां से हटाया गया।
…बस बातचीत करते रहे पुलिस अफसर
एक तरफ वकील बवाल कर रहे थे, पुलिसकर्मियों व राहगीरों को पीट रहे थे, अभद्रता कर लोगाें को खदेड़ रहे थे तो दूसरी तरफ पुलिस अफसर सिर्फ उनसे बातचीत कर रहे थे। कोई भी पुलिस अफसर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। एक तरह से पुलिस अफसर सिर्फ मान-मनौव्वल में लगे थे। पुलिसकर्मियों से मारपीट को लेकर पुलिस बल में काफी नाराजगी दिखी। उनका कहना था कि इस तरह से अगर पुलिसकर्मी पिटते रहेंगे तो ऐसे बवाल का नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा।
जाम से त्रस्त हो गए लोग
प्रदर्शन-बवाल के चलते परिवर्तन चौक, कचहरी के आसपास के इलाके में भयंकर जाम लग गया। लोग कई घंटे तक परेशान रहे। खासकर स्वास्थ्य भवन चौराहे के आसपास का इलाका काफी प्रभावित रहा। पुलिसकर्मी मशक्कत कर किसी तरह से यातायात को सामान्य करने के प्रयास में जुटे रहे।
डीसीपी बोले-इंस्पेक्टर-दरोगा कब पिटे, हमें नहीं पता
डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने मामले में बताया कि वह मौके पर ही मौजूद रहे। उनसे जब इस बारे में पूछा गया कि इंस्पेक्टर मदेयगंज व दरोगा से मारपीट की गई तो उनका कहना था कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। कोई तहरीर भी नहीं मिली है। डीसीपी के बयान पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, सरेराह पूरा बवाल हुआ। पुलिस बल की मौजूदगी रही, लेकिन वह जानकारी से इन्कार करते रहे।
जनवरी में भी पुलिसकर्मियों से हुई मारपीट में नहीं हुई थी कोई कार्रवाई
इसी साल जनवरी में भी वकीलों व पुलिस के बीच विवाद हुआ था। तब एक महिला सिपाही व अन्य कई पुलिसकर्मियों से मारपीट हुई थी। कई घंटे विवाद चलने के बाद मामले में समझौता हो गया था। कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
इंस्पेक्टर खड़े थे, अचानक से टूट पड़े वकील
लखनऊ में दोपहर करीब एक बजे वकीलों की भीड़ परिवर्तन चौक से हटकर स्वास्थ्य भवन चौराहे के पास पहुंच गई थी। यहां पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे। इनमें इंस्पेक्टर मदेयगंज अभय प्रताप भी थे। अभय चौराहे के पास खड़े ही थे कि अचानक से वकीलों की भीड़ उन पर टूट पड़ी। उनको जमकर पीटा। इंस्पेक्टर व उनके साथ मौजूद अन्य दरोगा, सिपाही ने वहां से किसी तरह भागकर खुद को बचाया। इंस्पेक्टर से मारपीट की खबर मिलने पर एडीसीपी पश्चिम फोर्स के साथ स्वास्थ्य भवन चौराहे पर पहुंचे।
कोर्ट के पास से लखीमपुर में तैनात दरोगा अवधेश कुमार बाइक से गुजर रहे थे। उन पर भी वकील टूट पड़े। वह जब तक कुछ समझ पाते तब तक उनको सड़क पर गिरा दिया और जमकर पीटा। वर्दी फाड़ी और स्टार नोच लिए। पुलिस बल मूकदर्शक बना रहा। दरोगा किसी तरह से खुद ही बचकर भागे।
प्रदर्शन के चलते भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कुछ पुलिसकर्मियों व राहगीरों से मारपीट की गई। समय रहते मामले को शांत कराया गया। कोई तहरीर मिलेगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी। – चिरंजीव नाथ सिन्हा, एडीसीपी
48 घंटे में निलंबित हों सभी आरोपी पुलिसकर्मी : शिवकुमार गौड़
हापुड़ में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिवकुमार गौड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. आदिश अग्रवाल हापुड़ कचहरी पहुंचे। शिव कुमार गौड़ ने 48 घंटे के अंदर हापुड़ डीएम, एसपी, और सीओ के स्थानांतरण और दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।