नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मुंबई से दो लोगों को गिरफ्तार करने के साथ एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरफ्तार किए गए तस्करों के पास से प्रतिबंधित सामग्री जब्त की है। एनसीबी के अधिकारी ने कहा कि तीन ऑपरेशन में कुल 1.403 किलोग्राम एमडीएमए (2917 टैबलेट), 0.26 ग्राम एलएसडी (24 ब्लॉट्स) और 1.840 किलोग्राम अन्य मादक पदार्थ जब्त किया गया। उन्होंने कहा, अब तक ड्रग्स लेने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, पहले ऑपरेशन में एनसीबी अधिकारियों को एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के बारे में जानकारी मिली जो सक्रिय रूप से यूरोप और अमेरिका से कई विदेशी दवाओं की तस्करी की योजना बना रहा था। इसके बाद निगरानी के लिए विभिन्न खुफिया तंत्र को सतर्क किया गया। 23 जून को, ब्रिटेन से पुणे भेजे गए एक संदिग्ध पार्सल को मुंबई में ट्रैक किया गया और रोका गया। अधिकारी ने कहा, जब पार्सल खोला गया तो 100 नीले रंग की एमडीएमए टैबलेट और 24 एलएसडी ब्लॉट पेपर बरामद हुए। जिन्हें काले रंग के पोर्टेबल ऑडियो सिस्टम के अंदर छुपाया गया था।
उन्होंने कहा कि जांच और विश्लेषण के बाद एस कश्यप नाम के शख्स की पहचान हुई। जांच के दौरान पता चला कि वह अवैध कारोबार में भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र एटीएस की मदद से कश्यप को शुक्रवार को पुणे में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने कहा कि कश्यप कमीशन के बदले एक विदेशी तस्कर से ड्रग्स खरीदता था और पुणे शहर और उसके आसपास के इलाकों में उनकी सप्लाई करता था। अधिकारी ने बताया कि एक अन्य ऑपरेशन में, एनसीबी ने पुणे से 1.840 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक खरपतवार जब्त किया। साथ ही अदनान एफ नाम के एक आरोपी को पकड़ा गया, जिसने ड्रग्स हालिस किया था। उन्होंने बताया कि तीसरे ऑपरेशन में एनसीबी ने 1.403 किलोग्राम एमडीएमए टैबलेट (2917 टैबलेट) जब्त किया है।
मुंबई हवाईअड्डे पर 7.85 करोड़ के कोकीन कैप्सूल के साथ यूगांडा का नागरिक गिरफ्तार
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर युगांडा के एक नागरिक को गिरफ्तार कर उसके शरीर से 7.85 करोड़ रुपये मूल्य की कोकीन के 65 कैप्सूल बरामद किए। एक अधिकारी ने बताया कि सात अगस्त को हवाईअड्डे पर युगांडा के एक यात्री को मादक पदार्थ ले जाने के संदेह में रोका गया था। पूछताछ में उसने तस्करी के लिए कोकीन के 65 कैप्सूल निगलने की जानकारी दी। अदालत के आदेश पर उसे सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने गुरुवार को आरोपी के शरीर से 785 ग्राम कोकीन वाले 65 कैप्सूल बरामद किए, जिनकी कीमत 7.85 करोड़ रुपये बताई गई।
नारायण राणे के खिलाफ मानहानि मामले में संजय राउत ने दर्ज कराया बयान
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। राउत ने 15 जनवरी, 2023 को भांडुप में आयोजित कोंकण महोत्सव में उनके बारे में कथित तौर पर अपमानजनक, दुर्भावनापूर्ण और झूठी टिप्पणी करने के लिए अप्रैल में राणे के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। आरोप है कि भाजपा नेता राणे ने कहा था कि राउत का नाम मतदाता सूची में नहीं था और जब वह (राणे) शिवसेना में थे, तब उन्होंने राउत की राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने में मदद की थी। उनके इस बयान को लेकर फरवरी में, राउत ने राणे को कानूनी नोटिस जारी कर अपने दावों को साबित करने के लिए सबूत की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री द्वारा उनके कानूनी नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता ने स्थानीय अदालत का रुख किया। इसी सिलसिले में राउत शुक्रवार को मुलुंड में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुए और अपना बयान दर्ज कराया। गवाहों की जांच के लिए अदालत ने मामले की सुनवाई 29 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
हैदराबाद में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 115 गिरफ्तार
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर एक अंतरराज्यीय गिरोह के 115 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार इस कॉल सेंटर में काम करने वाले अपने को एक ई-कॉमर्स कंपनी के अधिकारी के रूप में पेशकर अमेरिकी नागरिकों को ठग रहे थे। साइबराबाद पुलिस आयुक्त एम स्टीफन रवींद्र ने कहा, विश्वसनीय सूचना पर, पुलिस टीमों ने अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारा और टेली-कॉलर्स सहित 115 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। वे पिछले ढाई साल से वीओआईपी कॉलिंग के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे थे। पुलिस के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने एक पोर्टल से फोन नंबर और व्यक्तिगत डाटा जुटाया। इसके आधार पर कॉल सेंटर के कर्मचारी अमेरिकी नागरिकों को वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का उपयोग कर कॉल करते थे।