समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर हादसा।
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महाराष्ट्र में पिछले साल दिसंबर में बने समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर अभी तक 88 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें शनिवार को एक निजी बस के डिवाइडर से टकरा जाने के बाद उसमें आग लगने से 25 यात्रियों की मौत का आंकड़ा भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में इस एक्सप्रेस-वे को आंशिक रूप से खोला गया था।
हादसे के पीछे का कारण
महाराष्ट्र राजमार्ग पुलिस के एक अधिकारी ने हादसों के पीछे का कारण बताया। उन्होंने कहा कि छह-लेन चौड़े इस एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों के कारणों में से एक कारण सड़क सम्मोहन (Road hypnosis) है। सड़क सम्मोहन एक ऐसी मानसिक अवस्था है, जिसमें चालक सड़क की एकरसता से सम्मोहित होकर बाहरी घटनाक्रमों से प्रभावित हुए बिना काफी दूरी तक वाहन चलाता जाता है। अगर सरल भाष में समझे तों सड़क सम्मोहन यानी अच्छी सड़क देखकर ध्यान खो देना।
616 हो चुके हैं हादसे
अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल दिसंबर से अब तक नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कुल 39 घातक दुर्घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा, इस एक्सप्रेस-वे पर 616 छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 656 लोगों को गंभीर या मामूली चोटें आईं। वहीं, उन्होंने बताया कि अधिकांश दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने, वाहन चलाते समय चालक को झपकी लगने और टायर फटने जैसे कारणों से हुई हैं।
महाराष्ट्र में पिछले साल 15 हजार से ज्यादा मौतें
उन्होंने कहा कि हाईवे पुलिस सड़क सम्मोहन की समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है। अधिकारी के मुताबिक, 2022 में महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 15,224 लोगों की मौत हुई।
पुलिस ने बताया कि शनिवार तड़के बुलढाणा जिले में एक्सप्रेस-वे पर डिवाइडर से टकरा जाने के बाद एक निजी बस में आग लग गई, जिससे उसमें यात्रा कर रहे 25 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई।