Maharashtra: NDA में शामिल होने से लेकर NCP पर दावे तक, पढ़ें चाचा-भतीजे की लड़ाई में अब तक क्या-क्या हुआ

Maharashtra: NDA में शामिल होने से लेकर NCP पर दावे तक, पढ़ें चाचा-भतीजे की लड़ाई में अब तक क्या-क्या हुआ


महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। दरअसल, अजित पवार सहित एनसीपी के नौ विधायक एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए। अब इस गठबंधन को ‘महायुति’ नाम दिया है, जिसमें भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट) शामिल हैं। इस घटनाक्रम के बाद एनसीपी पर अधिकार की लड़ाई भी शुरू हो गई है।

आइए जानते हैं महाराष्ट्र की सियासत में अब तक क्या-क्या हुआ

एनसीपी में टूट की शुरुआत महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार द्वारा रविवार सुबह बुलाई गई एनसीपी विधायकों की आपात बैठक से हुई। यह बैठक तब हुई पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख का पद नहीं मिलने पर उनकी नाराजगी की खबरें चल रही थीं। इससे पहले अजित पवार ने संगठनात्मक जिम्मेदारी मांगते हुए विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पवार के आधिकारिक बंगले ‘देवगिरी’ में आयोजित बैठक में एनसीपी के कुल 54 विधायकों में से करीब 40 विधायक शामिल हुए।

शरद पवार को भनक तक नहीं लगी

इस बीच जब एनसीपी सुप्रीमो से बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे ठीक से नहीं पता कि एनसीपी विधायकों की बैठक क्यों बुलाई गई, लेकिन विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें (अजित पवार) विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है। वह ऐसा नियमित रूप से करते हैं। मुझे इस बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

फिर शपथग्रहण ने सभी को चौंकाया

इसके बाद खबर आई कि अजित पवार राजभवन जाने वाले हैं। हुआ भी कुछ ऐसा ही और उन्होंने दोपहर ढाई बजे शिवसेना-बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इनके साथ एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वाले विधायकों में अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्माराव अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोड और अनिल पाटिल शामिल हैं। 

इसके बाद राजभवन को सौंपे गए पत्र में दावा किया था कि अजित पवार को उनकी पार्टी के 40 से अधिक विधायकों और नौ में से छह से अधिक एमएलसी का समर्थन प्राप्त है। इन विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन को दिया गया।

शरद पवार ने दी पहली प्रतिक्रिया 

शपथ ग्रहण समारोह के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का बयान आया। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनका सरकार (महाराष्ट्र) में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं। 

आगे उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है।’

समर्थकों में कहीं रोष तो कहीं जश्न

शाम होते-होते एनसीपी समर्थकों में इस कदम के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला। समर्थकों ने महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए पार्टी नेताओं के पोस्टरों पर काली स्याही लगाई। हालांकि, एनसीपी कार्यकर्ताओं ने जलगांव में इस फैसले के समर्थन में जश्न मनाया।

बागियों के खिलाफ कार्रवाई का एलान

पार्टी में बगावत के बाद एनसीपी ने रविवार शाम को कार्रवाई का एलान कर दिया। करीब साढ़े सात बजे महाराष्ट्र NCP अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, ‘हमारी पार्टी के कुछ नेता MLA अब वहां जाकर शपथ ली है और अब वे मंत्री हो गए हैं। जो लोग गए हैं उन्होंने पार्टी के खिलाफ निर्णय लिया है। पांच जुलाई को शरद पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र जिले के सभी कार्यकर्ता और नेती की बैठक होगी।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमारे जो मुख्य सचेतक थे, वे भी वहां जाकर मंत्री हो गए हैं। उनकी जगह हमने जितेंद्र आव्हाड को मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

घटनाक्रम के दूसरे दिन भी तेज रही हलचल

घटनाक्रम के दूसरे दिन यानी सोमवार को एनसीपी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इस पर प्रतिक्रिया दी। दोपहर में उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ वह दुखद है। शरद पवार ने सभी के साथ एक परिवार की तरह व्यवहार किया और वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनकी प्रतिक्रिया थी कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं, जहां हर किसी को अपनी बात कहने और अपनी बात रखने का अधिकार है। अजित पवार का यह कदम उनका अपना फैसला है। अजित पवार के साथ मेरा रिश्ता नहीं बदलेगा, वह हमेशा मेरे बड़े भाई रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने सभी विधायकों का सम्मान करते हैं। मैं हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करती हूं, कल भी मैं उनसे (पार्टी नेताओं और सदस्यों) बात करूंगी।’

एनसीपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा 

दोपहर में ही महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, ‘हमने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अयोग्यता याचिका दायर की है और हम जल्द से जल्द ठोस दस्तावेज भेजेंगे। यह अयोग्यता याचिका नौ नेताओं के खिलाफ दायर की गई थी। उन्होंने किसी को यह नहीं बताया कि वे वह पार्टी छोड़ रहे हैं। हमने भारत चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है…हमें विश्वास है कि अधिकांश विधायक एनसीपी में वापस आएंगे।’

संसद कोल्हे शरद पवार खेमे में वापस आए

इस बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में समर्थन करने के ठीक एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद अमोल कोल्हे सोमवार को शरद पवार खेमे में लौट आए। उन्हों कहा कि अभी और लोग आएंगे। शाम पांच बजे के आसपास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का नाम एनसीपी पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया। इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल, एस.आर. कोहली और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया। इसके अलावा शरद पवार ने सोनिया दूहन को पार्टी के नई दिल्ली केंद्रीय कार्यालय का प्रभारी नियुक्त कर दिया।

महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को

वहीं इसी समय एनसीपी के बागी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अजित पवार सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र (प्रदेश अध्यक्ष) की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है। अनिल भाईदास पाटिल को हमने फिर से महाराष्ट्र विधानसभा में NCP का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। इन सबके बीच राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि जल्द ही विभागों का बंटवारा किया जाएगा।



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