सीएम बीरेन सिंह
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मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है, वहीं अब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर के लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। स्थिति को संभालने के प्रयास जारी हैं। फोर्स की 40 से ज्यादा कंपनियां यहां आ चुकी हैं। खाद्य सामाग्री पर्याप्त मात्रा में है। राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाने से लेकर बाकी काम हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सबकुछ पूर्वनियोजित लग रहा है।
मणिपुर के लिए काम करता रहूंगा
आगे उन्होंने कहा कि कुछ जगहों में भाजपा के दफ्तर और अन्य जगहों पर हमले हुए यह देखकर मुझे लगा कि 5-6 वर्ष में जो हमने मणिपुर के लिए किया शायद लोगों का समर्थन हमने खो दिया है। जिस कारण से मैंने यह(मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा) फैसला लिया लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ है मैं जो सोच रहा था वैसा नहीं है। आगे सीएम ने कहा कि कल मैंने देखा कि मेरे लिए लोग आए, जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ है। मैं लोगों का आभारी हूं। मणिपुर के लोगों के लिए मैं काम करता रहूंगा।
जनता कहेगी तो दे दूंगा इस्तीफा
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि जनता के विश्वास के बिना कोई भी नेता नेता नहीं हो सकता। मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं (सीएम हाउस से) बाहर निकला, तो वहां बहुत संख्या में सड़कों पर भीड़ थी। वे रोए और मुझ पर अपना भरोसा दिखाया। इससे मेरे विचार गलत साबित हुए क्योंकि लोग अभी भी मेरे समर्थन में खड़े थे। उन्होंने मुझसे इस्तीफा न देने के लिए कहा। अगर वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, यदि वे मुझसे ऐसा न करने को कहें, तो मैं ऐसा नहीं करूँगा।
सीमा पार लोगों की भूमिक हो सकती है
जब सीएम बीरेन से पूछा गया कि उनके राज्य में हिंसा के पीछे क्या कारण हो सकता है तो उन्होंने कहा कि मैं अभी कुछ नहीं कह सकता, मैं उलझन में हूं। हम यह नहीं कह सकते हैं लेकिन मणिपुर म्यांमार का पड़ोसी है। पास में ही चीन है। हमारी 398 किमी सीमाएं असुरक्षित हैं। भारतीय सुरक्षा बल है लेकिन इतने बड़े इलाके की सुरक्षा नहीं की जा सकती… जो अभी हो रहा है उसे देखते हुए हम न तो इससे इनकार कर सकते हैं और न ही जोरदार तरीके से पुष्टि कर सकते हैं। यह पूर्व नियोजित लग रहा है लेकिन इसका कारण का खुलासा नहीं हुआ है।
पहले क्यों नहीं आए राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि हम किसी को नहीं रोक सकते। लेकिन समय- 40 दिन हो गए। वह पहले क्यों नहीं आए… वह कांग्रेस नेता हैं ऐसा लग रहा था कि वह किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत यहां आए थे। वह आए और फिर बाजार में एक घटना हुई और भाजपा कार्यालय पर हमला किया गया। क्या वह इसके लिए आए थे। वह जिस तरीके से आए, मैं उसका समर्थन नहीं करता हूं।
कुकी समुदाय को खुली छूट दी गई
जब सीएम बीरेन सिंह से पूछा गया कि विपक्ष राज्य में कानून और व्यवस्था न बनाए रखने के लिए निशाना साध रहा कि आपको इस्तीफा दे देना चाहिए तो उन्होंने कहा कि ये समस्याएं कहां से आईं? ये गहरी जड़ें जमा चुकी हैं। ये समस्याएँ आज की नहीं हैं। जो लोग आरोप लगा रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जिसके बीज कांग्रेस ने बोए थे उसी का फल हम खा रहे हैं। पूरी दुनिया जानती है कि गलती किसकी थी…कुकी और मैतेई के बीच जातीय संघर्ष सालों तक जारी रहा इसमें नुकसान और मौतें हुईं। यही कारण है कि, कुकी उग्रवादी उस समय उभरे… उन्हें 2005-2018 तक, 13 वर्षों के लिए खुली छूट दी गई थी।