sushmita dev
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मणिपुर हिंसा के कितने दर्द हैं, इससे जुड़े ना जाने कितने ही किस्से हैं जो अब हम तक पहुंच रहे हैं। लोगों की रूह कंपा देने वाली दास्तान हैं। हिंसा के बीच विपक्षी गुट के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के दो दिवसीय दौरे पर है और हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर रहा है। इस दौरान एक मां ने रोते हुए सांसदों से कहा कि मेरे बेटे और पति के शवों को खोजने में मेरी मदद करें।
चार मई को मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न कर सड़क पर परेड कराई थी, उनमें से एक की मां ने सांसदों से गुहार लगाई। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव और डीएमके सांसद कनिमोझी ने पीड़ितों में से एक की मां से मुलाकात की। इस महिला ने ये बातें कहीं। उन्होंने दोनों नेताओं को यह भी बताया कि स्थिति ऐसी है कि कुकी और मैतेई अब साथ नहीं रह सकते।
सासंद सुष्मिता देव ने पीटीआई से बात करते हुए महिला की बारे में बात की। साथ कहा कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके पति और बेटे को भीड़ ने मणिपुर पुलिस की मौजूदगी में मार डाला, लेकिन आज तक एक भी पुलिस अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है। उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा है। 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ थी और उन्होंने एक विशेष मांग की है, जिसे मैं राज्यपाल के सामने उठाऊंगी।
सांसद सुष्मिता देव ने बताया कि पीड़ित एक अन्य लड़की ने आरोप लगाया कि पुलिस के सामने उसके साथ दुष्कर्म किया गया, लेकिन उसकी मदद के लिए कुछ नहीं किया गया। सुष्मिता देव ने दावा किया कि लड़की अब पुलिस से डरती है। अगर किसी पीड़ित को अब पुलिस पर भरोसा नहीं है तो यह एक संवैधानिक संकट है। कनिमोझी ने कहा कि पीड़िता के पिता ने सेना में सेवा की और देश की रक्षा की, लेकिन वह अपने परिवार की रक्षा नहीं कर सके।
कांग्रेस बोली पीएम मोदी को मणिपुर में आना चाहिए
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहिए था और उनकी पार्टी को इसका हिस्सा बनकर खुशी होती। हिंसा प्रभावित राज्य के कई इलाकों का दौरा करने के बाद विपक्षी गुट इंडिया के अन्य सांसदों के साथ एक पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोगोई ने कहा कि वे नई दिल्ली लौटेंगे और संसद में दौरे के दौरान सामने आई भयावह कहानियों को उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए एक कठिन दिन रहा है। हम चार राहत शिविरों में गए और लोगों की कहानियां सुनीं। महिलाएं यह बताते हुए रो पड़ीं कि कैसे उन पर हमला किया गया। आज रात, हम उन चीजों पर चर्चा करेंगे जो हमने देखीं और कल, हम राज्यपाल से मिलेंगे। हमने जो चीजें देखीं, उसके आधार पर हम उन्हें एक ज्ञापन सौंपेंगे। हम इन कहानियों को अपने साथ दिल्ली भी ले जाएंगे और उन कहानियों को संसद में उठाएंगे।
मणिपुर में म्यांमार के अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए बायोमीट्रिक पहचान अभियान फिर शुरू
मणिपुर में पड़ोसी देश म्यांमार से अवैध घुसपैठ रोकने के लिए शनिवार से राज्य में सभी ‘अवैध’ म्यांमार प्रवासियों की बायोमीट्रिक पहचान फिर से शुरू की गई। राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय की ओर से सितंबर तक काम पूरा होने के निर्देश के बाद यह कदम उठाया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारियों की एक टीम ने इंफाल पूर्वी जिले के साजिवा में अवैध अप्रवासियों का बायोमीट्रिक डाटा हासिल करने में राज्य सरकार के अधिकारियों की मदद की। गृह मंत्रालय ने इस टीम को राज्य सरकार के अधिकारियों के प्रशिक्षण और सहायता के लिए भेजा है। अभियान सभी जिलों में तब तक जारी रहेगा, जब तक राज्य के सभी अवैध म्यांमार अप्रवासियों का बायोमीट्रिक डाटा सफलतापूर्वक प्राप्त नहीं हो जाता। इसे सितंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।