Mathura Krishna Janmashtami: नंदभवन में नंदमहोत्सव की धूम, ‘सजि धजि आय गए नंद के आंगन, गाय रहे गोप बधायौ है’

Mathura Krishna Janmashtami: नंदभवन में नंदमहोत्सव की धूम, ‘सजि धजि आय गए नंद के आंगन, गाय रहे गोप बधायौ है’


तीर्थनगरी मथुरा में इन दिनों बाल श्रीकृष्ण के अवतरण के बाद उत्सव मनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को नंदमहल में जन्मोत्सव के जश्न की खुमारी भक्तों के सिर चढ़कर बोली। चारों ओर एक ही जयघोष हो रहा था. नंद घर आनंद भयो जै कन्हैया लाल की। जिसे देखो हर कोई नंदभवन की ओर चला जा रहा था। बिना एक पल गंवाए नंदभवन पहुंचना चाहता था। कोई धोती, बगलबंदी, पीताम्बर पहन माथे पर चंदन लगा नंदोत्सव की मस्ती में मस्त होना चाहता था। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार करीब 10 बजे बरसाना के गोप नंदभवन पहुंचे।

बृषभान बाबा के गांव से आए गोपों का नंदगांव के गोपों ने भव्य स्वागत किया। नंदभवन के जगमोहन में नंदगांव बरसाना के गोपों ने संयुक्त समाज गायन कर पहले तो नंद यशोदा को फिर एक दूसरे को कृष्ण जन्म की बधाई दी। करीब तीन घंटे समाज गायन चला। इस दौरान रंगीली आज बाजै अरी हेरी मां, बाजे बधाइयां बे सेइयां नंद दे दरबार, सुख बरसै री हेली जसुमति महल में आदि का गायन हुआ। हम तौ यारो लेते नहीं हीरा मोती लाल हम फरजंद इश्क घूमें हैं बड़े मस्त हाल सुनते ही लोगों के मुख से वाह वाह की गूंज निकल पड़ी। 



हर कोई समाजियों के गायन से प्रभावित दिखा। जो जहां था थिरकने लगा। कान्हा के उत्सव के इन दुर्लभ क्षणों को मोबाइल फोन में कैद करने लगा। इसके बाद नंदमहल में ही प्रतीकात्मक मल्ल युद्ध का शुभारंभ हुआ। नंदभवन के सेवायत एक गोस्वामी ने कमर से फेंटा निकाल हवा में लहराते हुए युद्ध की चुनौती दी। इसे स्वीकारते हुए दूसरे गोस्वामी ने कृष्ण-बलराम को प्रणाम कर कुश्ती प्रारंभ की। 


बराबरी पर छोड़ते हुए दोनों ने एक दूसरे से क्षमा याचना मांगी। अन्य बालकों और बुजुर्गों ने भी मल्ल युद्ध किया। फिर शुरू हुआ नंदगांव-बरसाना के लोगों के बीच हास परिहास। श्रद्धालुओं ने इसका जमकर आनंद लिया। बरसाना के गोप नंद के जमाई की जय बोल रहे थे तो नंदगांव के लोग बृषभानु के जमाई की जय। नंदभवन जन्म के उल्लास में डूबा था। इसी दौरान एक गोस्वामी युवक (भांड स्वरूप) करीब 15 फुट ऊंचे बांस पर चढ़कर कृष्ण बलराम की ओर मुख कर तुम उदार सरिस देत न द्रव्य समार, ढांढी हूं कुल चंद कौ आयौ नंद दरबार का गायन कर बधाई देता है। 


अंत में शंकर लीला का आयोजन हुआ। शंकर जी बालकृष्ण को जी भरकर निहारते हैं। मोर पंखों से कृष्ण की नजर उतारते हैं। नंदोत्सव के दौरान दधि-कांधौ (दही, हल्दी व केसर का मिश्रण) लेने के लिए भक्तों की होड़ लगी रही। इस दौरान सेवायतों द्वारा खिलौंने, टॉफी, वस्त्र आदि उपहार लुटाए। फरुआ और पंजीरी प्रसाद वितरण किया गया। कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण और मंत्री प्रतिनिधि नरदेव चौधरी ने समाजियों का स्वागत किया।


कृष्ण-बलराम को बांधी राखी

नंदभवन के सेवायत बांके गोस्वामी ने कृष्ण बलराम दोनों भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। इस दौरान कान्हा ने कटि काछनी में बंगली में भक्तों को दर्शन दिए। जन्म के बाद यशोदा मैया के सिर पर एक प्रसूता की भांति सेवायतों ने पट्टी बांधी। छठी पूजने तक यह पट्टी बंधी रहेगी।

शंकर लीला देख आनंदित हुए श्रद्धालु

नंदभवन में जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाली शंकर लीला देखने के लिए हर कोई आतुर था। शंकर भगवान बाल कृष्ण के दर्शन पाकर आनंदित हो गए। उन्होंने बाल कृष्ण को मोर की पंखों से झाड़ा लगाया। भक्त भी झाड़ा लगवाने के लिए आतुर दिखे।




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