Mathura News: वैज्ञानिक ऋषभ अग्रवाल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में मथुरा के एक युवा का भी योगदान है। गोविंदनगर निवासी ऋषभ अग्रवाल इसरो में वैज्ञानिक हैं। वह चंद्रयान-3 अभियान में जुटी वैज्ञानिकों की टीम के साथ काम कर रहे थे।
तीन भाई बहनों में सबसे छोटे ऋषभ अग्रवाल ने बताया कि इस मिशन में 100 से अधिक वैज्ञानिक जुटे थे, जिन्हें टीमों में बांटा गया था। इनकी टीम का काम चंद्रयान-3 से सिग्नल प्राप्त करने के बाद उससे कम्यूनिकेशन स्थापित करना था। चंद्रयान-3 को इसी से ट्रैक किया जा रहा था। बताया कि विभाग इसरो टेलीमेटरी ट्रेकिंग एंड कमांडिंग नेटवर्क का काम चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ शुरू हुआ था।
यह भी पढ़ेंः- UP News: कुएं में मिला लापता प्रोफेसर का शव, पत्नी ने तीन कर्मियों पर लगाए गंभीर आरोप, पढ़ें पूरा मामला
बताया कि आगे इसरो की योजना सूर्य की शाखा में सेटेलाइट भेजने की भी है। इसके साथ ही भविष्य में मंगल और शुक्र ग्रह पर भी सेटेलाइट भेज जाने की योजना चल रही है। गोविंद नगर मथुरा निवासी ऋषभ अग्रवाल के पिता हरिवंश अग्रवाल का ज्वैलरी बिजनेस है। बड़े भाई हर्षित अग्रवाल भी इसी व्यापार से जुड़े हैं।
यह भी पढ़ेंः- Agra News: बारिश के चलते भरभराकर गिरी दीवार, मलबे में दबकर 11 वर्षीय किशोरी की मौत
ऋषभ ने बताया कि उनकी पत्नी कृष्णांगी ने इस मिशन के दौरान उनका काफी मनोबल बढ़ाया। बताया कि उनकी पढ़ाई वृंदावन पब्लिक स्कूल वृंदावन एवं अमरनाथ विद्याश्रम से हुई है। ऋषभ अग्रवाल ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन किया। आईआईटी रुड़की में प्रथम वर्ष में एमटेक में प्रवेश लिया था। इसी दौरान 2018 में इसरो में चयन हो गया।