सांकेतिक तस्वीर।
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (मऊ) श्वेता चौधरी ने वर्ष 1979 में कोतवाली घोसी में घुसकर आरोपी को छुड़ाने के लिए पुलिसकर्मियों से मारपीट और ट्रक में आग लगाने सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में नामजद 23 आरोपियों में 17 को दोषी पाया है।
अभियोजन के अनुसार कोतवाली घोसी में तैनात आरक्षी कैलाश सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई। वादी का कथन था कि 17 फरवरी 1979 को दिन में 12:15 बजे सर्वोदय डिग्री कॉलेज के छात्र इंद्रपाल की ट्रक से दब जाने के कारण मौत हो गई थी। हादसे से गुस्साए छात्र नारा लगाते हुए कोतवाली घोसी के अंदर घुस गए।
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हमले में तीन सिपाही हुए थे घायल
हवालात से ट्रक चालक श्रीपति को बाहर निकालने का प्रयास किया। थाने की कुर्सी, मेज तोड़ दी। सिपाहियों की वर्दी फाड़ दी। हादसे का कारण बने ट्रक में आग लगा दी। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। छात्रों के हमले से सिपाही रविंद्र सिंह, कैलाश सिंह व राम प्रसाद सिंह तथा आरोपी चालक श्रीपति को चोटें आईं।