विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया।
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खालिस्तानी पोस्टरों में भारतीय राजनयिकों के नाम के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कांफ्रेस करके कहा कि ये मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं बल्कि आतंकवाद का है। मंत्रालय साफ शब्दों में कहा कि भारतीय राजनयिकों, मिशन के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले पोस्टर अस्वीकार्य हैं। हमारी सरकार के लिए भारतीय राजनयिकों, मिशन की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे राजनयिक, दूतावास और वाणिज्य दूतावास के ख़िलाफ़ हिंसा और धमकी दी जा रही है।
इन देशों से मांगा जवाब
बागची ने कहा कि हमने सभी सरकारों (ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा) से इस मुद्दे पर बात की है। कुछ जगह पर प्रतिक्रिया आई है और कुछ जगहों पर प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं. हमने यह मुद्दा कनाडा सरकार के समक्ष उठाया है। हमने पीएम ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं। मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं है, बल्कि हिंसा की वकालत करने, अलगाववाद का प्रचार करने और आतंकवाद को वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है।
कतर में हिरासत में लिए गए नौसेना अधिकारियों के मामले पर भी प्रतिक्रिया
साथ ही उन्होंने कतर में हिरासत में लिए गए नौसेना अधिकारियों के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये मामला हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता में है। नौसेना अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की प्रकृति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। अधिकारियों के परिवार के सदस्यों को नियमित आधार पर मामले की जानकारी दी जा रही है।
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बैस्टिल दिवस समारोह के लिए पीएम मोदी की आगामी फ्रांस यात्रा पर भी बात की।
कनाडा आतंकवाद के खिलाफ करता है हमेशा गंभीर कार्रवाई- जस्टिन ट्रूडो
वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है। वह ऐसा करना जारी रखेगा। यह मानना गलत है कि उनकी सरकार खालिस्तान समर्थकों और देश में आतंकवादियों के प्रति नरम है।
उनकी यह टिप्पणी भारत द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में कनाडाई दूत को तलब करने और कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर डिमार्शे जारी करने के कुछ दिनों बाद आई है।
ट्रूडो ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “वे गलत हैं। कनाडा ने हमेशा हिंसा और हिंसा की धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है। हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है और हम हमेशा करेंगे।’
यह है मामला
सोशल मीडिया पर एक पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्टर में खालिस्तान समर्थक और आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को ‘शहीद’ बताया गया है। वहीं दो भारतीय राजनयिकों को ‘हत्यारा’ करार दिया गया है। पोस्टर में ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्य दूतावास अपूर्वा श्रीवास्तव को धमकी दी गई है। साथ ही 8 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे एक रैली की बात कही जा रही है। इसे ‘खालिस्तान फ्रीडम रैली’ कहा जा रहा है। पोस्टर के मुताबिक, ग्रेट पंजाब बिजनेस सेंटर से शुरू होकर भारतीय दूतावास तक जाएगी। पोस्टर में सबसे नीचे दो मोबाइल नंबर भी लिखे हुए हैं।
पिछले महीने आतंकी निज्जर को मार गिराया था
बता दें, खालिस्तान कमांडो फोर्स के मुखिया हरदीप सिंह निज्जर की पिछले महीने 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरी शहर में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह भारत के खिलाफ गतिविधियों और हिंसा में शामिल था। भारत सरकार ने निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था।
टेरी माइलवस्की ने शेयर किया है पोस्टर
पोस्टर को वरिष्ठ पत्रकार टेरी माइलवस्की ने भी शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि यह बेहद खतरनाक है। खालिस्तानी भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, जिन्हें वह हरदीप निज्जर का ‘हत्यारा’ बता रहे हैं, जिसे 18 जून को गोली मार दी गई थी। इसमें भारत की किसी तरह की भूमिका का कोई सबूत नहीं है। घोर गैरजिम्मेदाराना।