सिक्किम बाढ़ (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया
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अचनाक बाढ़ के बाद मेघालय के तकरीबन 26 छात्र सिक्किम में ही फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। साथ ही अधिकारियों ने कहा कि हिमालयी राज्य में सड़कें और पुल टूट गए हैं। जिसके चलते वे वहीं फंस गए हैं। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि फंसे लोगों की मदद के लिए मेघालय सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 1800 345 3644 जारी किया है।
अधिकारी ने बताया कि मेघालय के 31 छात्र सिक्किम में पढ़ रहे हैं। उनमें से पांच छात्र खुद लौट आए हैं, जबकि बाकी बचे 26 के घर वापस लाने का इतंजार है।
सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि सिक्किम में तबाही से प्रभावित लोग उच्च और तकनीकी शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक ए अली और उप निदेशक एफबी रामसिएज से संपर्क कर सकते हैं।
बुधवार तड़के तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 143 लोग लापता हैं। सेना और एनडीआरएफ के नेतृत्व में खोज और बचाव अभियान जारी है क्योंकि हिमालयी राज्य के कई हिस्से कटे हुए हैं।
We have activated #Helpline 1800-345-3644 for students and citizens of Meghalaya in #Sikkim. For any emergencies and for coordination and redressal, our citizens can also reach out to the following officials—
1.Mrs A.Ali, Additional Director of Higher and Technical Education… pic.twitter.com/Rv7iMNJZot
— Conrad K Sangma (@SangmaConrad) October 6, 2023
छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए असम के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम सिक्किम रवाना
असम सरकार ने सिक्किम से अपने छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को बाढ़ ग्रस्त राज्य रवाना किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, असम के 160 विद्यार्थी अभी सिक्किम में फंसे हैं। सिक्किम की स्थिति के कारण, हमने रोंगपो और माजितार से हमारे 160 छात्रों को जल्द से जल्द निकालने के काम की निगरानी के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।
लापता जवानों की तलाश जारी
गुवाहाटी में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि भारतीय सेना के लापता जवानों की तलाश जारी है। तलाशी का ध्यान तीस्ता बैराज के निचले इलाकों में केंद्रित है। सिंगताम के पास बुरडांग में घटना स्थल पर सेना के वाहनों को खोदकर निकाला जा रहा है। खोज अभियान में सहायता के लिए टीएमआर (तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू), ट्रैकर कुत्तों, विशेष रॉडार की टीमों के अलावा अतिरिक्त संसाधन लाए गए हैं।