सूखा
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इस साल मानसून आठ साल में सबसे कमजोर साबित हो सकता है। मौसम के अल नीनो पैटर्न की वजह से सितंबर में भी ज्यादा बारिश नहीं होगी। वहीं, अगस्त पहले से ही सूखा महीना साबित होने की राह पर है। यह आशंका मौसम विभाग के सूत्रों ने जताई है।
सूत्रों के अनुसार, अगस्त में अल नीनो की वजह से बारिश कम हुई है। सितंबर में भी इसका नकारात्मक असर हो सकता है। इस वजह से जून से सितंबर के मानसूनी समय में बारिश आठ फीसदी कम हो सकती है। यह कमी साल 2015 के बाद सबसे अधिक होगी। मौसम विभाग 31 अगस्त को सितंबर के पूर्वानुमान जारी कर सकता है।
असमान रही मानसूनी बारिश
दूसरी ओर इस वर्ष मानसूनी बारिश असमान भी रही। यह जून में सामान्य औसत से नौ फीसदी कम तो जुलाई में 13 फीसदी अधिक दर्ज हुई। 17 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। हालांकि, बीते चार साल से सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, क्योंकि मानसून की वापसी देरी से हुई, लेकिन आशंका है कि इस बार इस महीने में पूर्वी और उत्तरी राज्यों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। उल्लेखनीय है कि मानसून के दौरान सालाना औसत की 70 फीसदी बारिश होती है। इसमें कमी से चीनी, दाल, चावल, सब्जियों आदि के दाम बढ़ सकते हैं।