सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Amar Ujala
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मध्य गंगा नहर निर्माण खंड के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का चार गुना से अधिक मुआवजा दिलाने के मामले में अधिशासी अभियंता रोहित कुमार फंस गए हैं। उन्होंने किसान एवं कॉलेज प्रबंधक से अपने परिचितों के खातों में 36 लाख रुपये जमा करा लिए। वादे क मुताबिक रकम नहीं मिलने पर किसान और कॉलेज प्रबंधक को धोखाधड़ी का अहसास हुआ। पीड़ित ने इस मामले में मध्य गंगा निर्माण खंड दस बुलंदशहर के अधिशासी अभियंता रोहित कुमार समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।
संभल जनपद के एचोडा कम्बोह थाना क्षेत्र के भवालपुर बांसली निवासी किसान लोकेंद्र सिंह श्री साईं डिग्री कॉलेज के प्रबंधक हैं। उन्होंने बताया कि 2018 में कॉलेज के बराबर वाली उनकी 1440 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण मध्य गंगा नहर निर्माण खंड 10 बुलंदशहर द्वारा किया गया था। जमीन लोकेंद्र के अलावा उनके भाई कामेंद्र सिंह और पुत्री नीरा चौधरी के नाम पर थी। जमीन के बैनामे से पहले बुलंदशहर में तैनात अधिशासी अभियंता रोहित कुमार ने मुआवजा दिलाने के संबंध में कई बार अपने कार्यालय में बुलाकर बात की थी। इस जमीन का मुआवजा 67 लाख रुपये बन रहा है। लोकेंद्र का आरोप है कि अधिशासी अभियंता ने उनसे 36 लाख रुपये की मांग की थी। मुआवजे से 72 लाख रुपये अतिरिक्त दिलवाने का वादा किया था।
रोहित कुमार ने कहा था कि वह सरकारी अधिकारी हैं। पैसा सीधे अपने खाते में ट्रांसफर नहीं करा सकता है। रोहित कुमार के कहने पर प्रयागराज के अनिल कुमार की फर्म ग्लोबल टेक्नीकल सोल्यूशन और बरेली की वंदना मिश्रा की फर्म श्री साईं बिजनेस सोल्यूशन के खाते में 18-18 लाख रुपये ट्रांसफर करा दिए। पीड़ित ने 26 सितंबर 2018 को मझोला के लाकड़ी फाजलपुर स्थित प्रथमा बैंक के खाते से ट्रांसफर कर दिए थे। पीड़ित का कहना है कि उन्हें अतिरिक्त रकम नहीं मिली तो उन्होंने रोहित कुमार पर दबाव बनाया और वह जेल भिजवाने की धमकी देने लगे। लोकेंद्र ने पुलिस से शिकायत की तो आरोपियों ने 23 लाख रुपये वापस कर दिए थे, लेकिन 13 लाख रुपये अब तक नहीं दिए हैं। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सही से जांच हो तो खुल सकता है बड़ा खेल
कॉलेज प्रबंधक की शिकायत पर मझाला पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जिससे पता चला है कि मध्य गंगा नहर परियोजना के तहत अधिग्रहण की जमीन का मुआवजा देने में खेल किया गया है। अधिकारी ने 67 लाख रुपये की जमीन पर 72 लाख रुपये अतिरिक्त दिलाने का वादा किया था। इस तरह दूसरे किसानों की जमीनों के मुआवजे में भी खेल किया होगा। इस मामले की गहनता से जांच होगी तो खुला हो सकता है।