Moradabad: नगर निगम बोर्ड की बैठक में धक्कामुक्की और हाथापाई, हंगामे की भेंट चढ़ी पहली बैठक

Moradabad: नगर निगम बोर्ड की बैठक में धक्कामुक्की और हाथापाई, हंगामे की भेंट चढ़ी पहली बैठक



नगर निगम बोर्ड की बैठक में धक्कामुक्की
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मुरादाबाद नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन में घुस गए। उनके बाहर जाने के बाद पार्षदों ने इसकी निंदा की। सत्ता पक्ष के एक पार्षद ने इसके लिए नगर आयुक्त को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। इसके बाद गुस्से में नगर आयुक्त और उनके पीछे सभी अधिकारी सदन से उठ कर चले गए। इस बात को लेकर कर्मचारी संगठन और पार्षद आमने-सामने हो गए। सदन के अंदर आरोप- प्रत्यारोप, हाथापाई, धक्का-मुक्की तक हुई। सूचना पर सीओ शैलजा मिश्रा की अगुवाई में पहुंचे पुलिस बल ने बीच-बचाव किया और दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया। इन सबके चलते महापौर को आनन-फानन बैठक स्थगित करने की घोषणा करनी पड़ी।

टाउनहॉल स्थित सभागार में बृहस्पतिवार 11:00 बजे नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक शुरू हुई। महापौर ने निर्वाचित होकर सभी पार्षदों को शुभकामनाएं दीं। सभागार के भीतर बोर्ड की बैठक अभी शुरू ही हुई थी कि बाहर प्रांगण में स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्र होकर अपनी लंबित मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी सदन में भीतर घुसने के लिए सभागार का बंद दरवाजा बाहर से भड़भड़ाने लगे। भीतर से जब दरवाजा खोला गया तो नगर निगम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद सुबहान और सफाई कर्मचारी नेता ओमीलाल बाल्मीकि, राजू भाई आंबेडकर की अगुवाई में कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए सदन के भीतर घुस आए। 

संगठन के नेताओं ने आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों को पिछले बोर्ड की बैठक में पास प्रस्ताव के अनुसार 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय भुगतान करने में आनाकानी करने का आरोप नगर निगम प्रशासन पर लगाया। कर्मचारी नेता मोहम्मद सुबहान ने निर्माण विभाग के 14 सुपरवाइजरों को हटाने के लिए महापौर की ओर से नगर आयुक्त को भेजे गए पत्र पर भी एतराज जताते हुए यहां तक कह दिया कि उनसे महापौर के यहां से दो-दो हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। यह भी कहा कि सदन हमसे है हम सदन से नहीं। इस पर कुछ पार्षद विरोध करने उठ गए। महापौर और नगर आयुक्त ने जैसे-तैसे कर्मचारी संगठनों के नेताओं को समस्या समाधान का आश्वासन देकर शांत करा बाहर भेजा।

सदन में जो भी कुछ हुआ इस संबंध में संगठन के उच्च पदों पर बैठे लोगों को जानकारी दे दी गई है। अधिकारियों से भी वार्ता की जा रही है। उसमें जो निर्णय होगा बता दिया जाएगा।

विनोद अग्रवाल, महापौर

सदन की कार्रवाई एजेंडे के हिसाब से सौहार्दपूण बैठक चल रही थी। आधे एजेंडे पर चर्चा भी हो गई थी। इसी दौरान कुछ गलतफहमियों के कारण नाइत्फाकी पैदा हुई। जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया है। शीघ्र ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में सदन की बैठक पुन: आयोजित की जाएगी।

संजय चौहान, नगर आयुक्त



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