Moradabad: पशुओं को नहलाने गए 13 वर्षीय किशोर की गांगन नदी में डूबने से मौत, गोताखोरों ने निकाला शव

Moradabad: पशुओं को नहलाने गए 13 वर्षीय किशोर की गांगन नदी में डूबने से मौत, गोताखोरों ने निकाला शव



पशुओं को नहलाने गए 13 वर्षीय किशोर की गांगन नदी में डूबने से मौत
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में गांगन नदी में डूबने से एक और किशोर कृष्णा (13) की मौत हो गई। वह चाचा के साथ पशुओं को नहलाने के लिए नदी पर गया था। करीब नौ घंटे की मशक्कत के बाद गोताखोरों ने किशोर के शव को बाहर निकाला

छजलैट क्षेत्र के गांव मधुवा खालसा निवासी निर्मल सिंह का बेटा कृष्णा सुबह गांव के पास बह रही गांगन नदी पर चाचा अजेस के साथ पशुओं को नहलाने गया था। अजेस पशुओं को नहलाकर कुछ देर के बाद घर आ गया, लेकिन कृष्णा अपनी भैंसे को वहीं पर चराने लगा। बताया जा रहा है कि इसके बाद भैंसा दोबारा पानी में चला गया, जब किशोर भैंसे को पानी से निकालने गया तो वह गहरे पानी में चला गया और डूब गया।

 

काफी समय तक किशोर के घर पर न आने पर परिजनों को चिंता हुई तो वह उसे देखने के लिए नदी पर पहुंचे, तो नदी के बाहर कृष्णा की चप्पलें पढ़ी थी और भैंसा भी नदी के पास ही घास चर रहा था। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने नदी में किशोर की तलाश शुरू कर दी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिलने पर उन्होंने स्थानीय गोताखोरों को इसकी जानकारी दी। गोताखोरों ने करीब नौ घंटे के बाद कृष्णा के शव को नदी से बरामद किया। सूचना पर पहुंची छजलैट पुलिस ने जानकारी जुटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।

छजलैट क्षेत्र में तीन दिन में तीन युवकों की डूबकर मौत

प्रशासन और पुलिस की अनदेखी के कारण छजलैट क्षेत्र में तीन दिन के अंदर तीन लोगों की नदियों में डूबकर मौत हो गई। अधिकारियों ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कोई भी अभियान नहीं चलाया है। बारिश का मौसम शुरू होने और पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण जहां क्षेत्र की छोटी-छोटी नदियां उफान पर हैं, तो वहीं तालाब और गड्ढे भी पानी से भरे हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने अभी तक लोगों को जागरूक करने के लिए कोई पहल नहीं की है। प्रशासन की इसी अनदेखी के कारण छजलैट क्षेत्र तीन दिन में तीन लोगों की जान गहरे पानी में डूबने से चली गई। 29 जून को छजलैट इस्माइलपुर मार्ग स्थित करूला नदी के रपटा पुल पर बाइक गिरने से बिजनौर के कस्बा स्योहारा निवासी मुजम्मिल की मौत करूला नदी में डूबने से हो गई थी।

वहीं 30 जून को छजलैट के गांव बैरमपुर निवासी पुष्पेंद्र की मौत ईंट भट्ठे के पानी भरे गहरे गड्ढे में फिसल कर गिरने से डूबकर मौत हो गई थी। अब फिर से छजलैट के ही मधुआ खालसा के किशोर कृष्णा की मौत गांगन नदी में डूबने से हो गई। यह हादसे गवाह हैं, इस बात के लिए कि तहसील प्रशासन द्वारा बनाई गई बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी कितने सक्रिय हैं। प्रशासन और पुलिस के द्वारा बरसात के मौसम में ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है।

बरसात का मौसम चल रहा है। बारिश के कारण नदियों में पानी भी छोड़ा जा रहा है। क्षेत्र में नदियों के किनारे वाले गांवों में प्रधान और ग्राम सचिव के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे। ग्रामीणों से अपील की जाएगी कि वह नदियों की तरफ न जाएं, अपने बच्चों को भी नदियों में तैराकी के लिए न भेजे। सिंचाई और बाढ़ खंड विभाग से भी कहा गया है कि यदि नदियों में पानी छोड़ा जाता है, तो वह इसकी सूचना दें, ताकि गांवों में धार्मिक स्थालों व अन्य माध्यम से एनाउंसमेंट कर लोगों को जागरूक किया जा सके।- जगमोहन गुप्ता, एसडीएम, कांठ



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *