कांठ (मुरादाबाद)।
किसानों की समस्याओं और क्षेत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत की तहसील में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता संबंधित विभागों के अधिकारियों के न पहुंचने के कारण विफल हो गई। जिसको लेकर किसानों में रोष है और उन्होंने तीन अगस्त को तहसील में बड़ी पंचायत करने का ऐलान किया है।
पिछले दिनों किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू टिकैत के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एसडीएम हर्षिका सिंह से वार्ता की थी। जिस पर उनकी मध्यस्ता में 25 जुलाई को संबंधित विभागों के अधिकारियों की त्रिपक्षीय वार्ता तहसील में तय की गई थी। मंगलवार को भाकियू टिकैत के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तय समय पर तहसील पहुंचे, लेकिन यहां न तो एसडीएम ही थीं और न ही कोई भी विभाग का अधिकारी। जिस पर किसानों ने नाराजगी जताई। इसके बाद तहसीलदार रामवीर सिंह से कार्यकर्ताओं की वार्ता हुई। किसानों के बीच गन्ना समिति से मोहित कुमार, जेई बिजली कांठ अनिल कुमार, जेई सलेमपुर, रसूलपुर गुर्जर अरविंद गुप्त पहुंचे। जिन्हें किसानों ने बिजली समस्याओं के बारे में बताया।
इनके अलावा किसी अन्य विभाग का कोई अधिकारी न पहुंचने पर त्रिपक्षीय वार्ता विफल रही। भाकियू ने अधिकारियों के द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन न करने पर रोष व्यक्त किया। साथ ही तीन अगस्त को एक बड़ी पंचायत तहसील कर आंदोलन करने का ऐलान किया गया। कहा कि यदि तीन अगस्त को बिजली, सिंचाई, लोक निर्माण, कृषि, बैंक, नलकूप, खनन, पशु पालन, गन्ना, नगर पंचायतों के ईओ किसानों के बीच नहीं पहुंचे तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए तहसीलदार रामवीर सिंह को एक ज्ञापन भी दिया गया।
इस दौरान भाकियू टिकैत के प्रदेश उपाध्यक्ष पश्चिमी यूपी चौधरी ऋषिपाल सिंह, वरिष्ठ किसान नेता जितेंद्र विश्नोई जीतू, सियाराम विश्नोई, नवनीत विश्नोई, हरदीप सिंह, रामकला सिंह, राहुल चौधरी, जितेंद्र कुमार, प्रदीप वर्मा, महेश कुमार मौजूद रहे।
रामगंगा नदी में बहने वालों के परिजनों को मुआवजे की मांग
भाकियू टिकैत के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रामगंगा नदी के कारण हो रहे हादसों पर दुख व्यक्त किया है। सलेमपुर निवासी मजदूर सुशील कुमार व बेगमपुर के बीएड छात्र सोहन नागर के रामगंगा नदी में बहने पर दोनों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही दोनों के दुखी परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।