मुरादाबाद। राष्ट्रीय लोक अदालत के आधार पर शनिवार को आपसी सुलह समझौता के आधार पर एक लाख 25 हजार 997 मामलों का निस्तारण हुआ। जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार ने लोक अदालत का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य आम जनता को त्वारित न्याय दिलाना है। जिससे दोनों पक्षों के मनमुटाव दूर हो सकें। अपर जिला जज एवं प्रभारी सचिव विमल वर्मा ने कहा यह जानकर खुशी हो रही है कि इस साल की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत ने पिछले साल के रिकॉर्ड को पार कर लिया है। राष्ट्रीय लोक अदालतों के आयोजन से छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण बड़ी आसानी हो जाता है। जिससे न्यायालयों पर भी मुकदमों का बोझ कम हो रहा है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के 14 हजार 915 शमन योग्य वादों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा 8 लाख 55 हजार 30 रुपये अर्थदंड वसूला गया। वैवाहिक एवं भरण पोषण संबंधी 18 मामलों का निस्तारण परिवार न्यायालय एवं अपर परिवार न्यायालय द्वारा आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया गया। उत्तराधिकार के कुल 14 मामले निस्तारित कर 13 लाख 93 हजार 622 रुपये के प्रमाण-पत्र जारी किए गए। लघु प्रकृति के मामले जैसे लेबर एक्ट, बाट माप अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम आदि से संबंधित मामलों का भी निस्तारण किया गया। मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर से संबंधित कुल 32 मामलों का निस्तारण करते हुए पीड़ितों व उनके परिजनों को 1 करोड़ 63 लाख 70 हजार रुपये देने के आदेश दिए गए। विभिन्न बैंकों, बीएसएनएल, ऋण संबंधी कुल 599 मामलों का निस्तारण कर 2 करोड़ 77 लाख 64 हजार 300 रुपये की वसूली की गयी।
वकीलों ने किया लोक अदालत का बहिष्कार
दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी ने राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया। बार ने शुक्रवार को ही घोषणा कर दी थी कि राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया जाएगा। अध्यक्ष अशोक कुमार सक्सेना तथा महासचिव अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में कार्यकारिणी तथा वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने न्यायालय में घूम-घूम कर इस बात का ध्यान रखा कि कोई भी अधिवक्ता किसी दबाव में न्यायालय में तो नहीं पहुंच जाए। इस दौरान सुनील कुमार सक्सेना, सुरेश चंद्र गुप्ता, अशोक गौतम परमाल सिंह, राजेश पाल, टीकाराम दिवाकर, अभिषेक भटनागर, लक्ष्मण प्रजापति, राम पांडे, समीक्षा अग्रवाल,ओमपाल सिंह आदि अधिवक्ताओं ने भ्रमण कर बहिष्कार को सफल बनाने का प्रयास किया।