मुरादाबाद। सावन मास में शिवालयों में भोले की आराधना करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिरों की साफ-सफाई और पुताई हो चुकी है। शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक चौरासी घंटा मंदिर में फूलों से सजावट की जाएगी। मुख्य पुजारी का कहना है कि कांवड़ लाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।
चौरासी घंटा मंदिर में शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। मुख्य पुजारी पंडित विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि सबसे ज्यादा भीड़ सावन माह के आखिरी सोमवार को होती है। गुरु पूर्णिमा पर कुछ श्रद्धालु कांवड़ लाते हैं। हालांकि इनकी संख्या कम ही रहेगी। मंदिर में प्रत्येक सोमवार को रजनीगंधा, गुलाब और गेंदा के फूलों से सजावट होगी। स्थानीय कारीगरों को ऑर्डर दे दिया है। एक बार की सजावट में करीब दो क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा।
40 दिन जलेंगे दीये
पंडित विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि मंदिर में सावन माह में 40 दिन दीये जलाने की परंपरा है। इसकी शुरुआत सोमवार को गुरु पूर्णिमा से की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो श्रद्धालु लगातार 40 दिन दीये जलाते हैं, भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूरी करते हैं।
मंदिर में है नेपाल नरेश का घंटा
चौरासी घंटा मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं भू है। मंदिर करीब पांच हजार वर्ष पुराना है। वर्ष 1911 में नेपाल नरेश चौरासी घंटा मंदिर आए थे और यहां पर अष्टधातु का घंटा चढ़ाया था, जो आज भी मंदिर में लगा हुआ है। यहां पर घंटा चढ़ाने की भी मान्यता है। मंदिर में छोटे-मंदिर घंटे बड़ी संख्या में लगे हुए हैं।