मुरादाबाद।
सर्वदलीय हिंदू संगठन के पदाधिकारी ने 13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद हुए दंगे के मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर घटना के कारणों के बारे में जानकारी दी है। आरोप लगाया है कि मुस्लिम लीग के अध्यक्ष डाॅ. शमीम का समर्थक मुठभेड़ में मारा गया था। इसी का बदला लेने के लिए उसने दंगा कराया था।
सर्वदलीय हिंदू संगठन के हिंदू प्रमुख सतीश ढल ने रिपोर्ट का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र भेजकर बताया है कि डॉ. शमीम का समर्थक जावेद इंद्रा चौक में चाय की दुकान करता था। पुलिस ने कटघर गोट में डकैती के दौरान मुठभेड़ में जावेद को ढेर कर दिया था। इसी का बदला लेने के लिए डॉ. शमीम ने 17 जून 1980 को इंद्रा चौक में पुलिस पर हमला कराया था। फिर 24 जुलाई को संतोष वाल्मीकी की बेटी की शादी के दिन पुलिस पर हमला कराया। इस घटना में 17 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। घटना के बाद प्रशासन ने इंद्रा चौक और सराय किशन लाल में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया था। गलशहीद चौकी को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में कांग्रेस के एक नेता की भूमिका संदेह के दायरे में थी। नागफनी में मंदिर की 20 बीघा जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर ली गई। आयोग ने 292 दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री से सतीश ढल ने मंदिर की जमीन कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।