मुरादाबाद। सातवीं मोहर्रम पर बुधवार को शिया समुदाय के लोगों ने तीन अलग-अलग स्थानों से अलम समेत तीन जुलूस निकाले। मजलिसों का आयोजन किया गया। जुलूस में शामिल अजादारों ने इमाम हुसैन की शहादत को याद कर मातम किया। जुलूस के दौरान घरों की छतों से महिलाओं ने अलम की जियारत की। पूरे जुलूस में हुसैन की सदाएं बुलंद होती रहीं। कई जगह लंगर भी चला।
पहला जुलूस नवाबपुरा स्थित चमन हैदर के आवास से लाकड़ीवलान तक निकाला गया। दूसरा जुलूस लाकड़ी वालान से और तीसरा अलम का जुलूस पीरजादा से दोपहर निकाला गया। तीनों जुलूस कुली खां के इमामबाड़े पहुंचे। वहां बन्नो बी के इमामबाड़े पर देर रात समाप्त हुआ। इससे पहले सुबह चौमुखापुल समेत पूर्व निर्धारित अन्य स्थानों पर मजलिस हुई। जिन्हें खिताब करते हुए मौलाना तनवीर अब्बास आजमी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने अपने भांजे ऑन और मोहम्मद को कर्बला के मैदान में इस्लाम को बचाने के लिए कुर्बान कर दिया। उनकी लाशों पर यजीदी फौज ने घोड़ों को दौड़ाया। जिसकी वजह से इमाम हुसैन अपने भांजे ऑन और मोहम्मद की लाशों को बटोर कर खेमों में लाए। जिसको सुनकर अजादारों के आंसू निकल आए। सभी हुसैन, हाय हुसैन की सदाएं बुलंद करने लगे। मजलिस में शमीम असगर ने मोहा पढ़ा। अजादारों ने मातम किया। दूसरी और तीसरी मजलिस जुलूस की वजह से सुबह में ही हो गईं। उसे भी मौलाना तनवीर अब्बास आजमी ने ही खिताब किया। शाम को एक जुलूस स्व. अली हैदर जानी के मकान से निकाला। उससे पूर्व थाना नागफनी स्थित चमन हैदर के मकान से एक जुलूस मोहल्ला लाकड़ीवालान में अली हैदर जानी के घर पहुंचा।
जुलूस में स्थानीय अंजुमनों के अलावा अंजुमन अकबरी कुंदरकी ने भी जुलूस में मातम वा सीनाजनी की। जुलूस एवं मजलिस में अली अनवर प्रिंस, जावेद यावर, मोहम्मद अब्बास एडवोकेट, शाहनवाज नकवी, सुहैल अहमद रिजवी, सलमान नवशाम को एक जुलूस मोहल्ला लाकड़ीवालान में मरहूम अली हैदर जानी के मकान से शुरू हुआ। उक्त जुलूस लाकड़ीवालन से इमामबाड़ा हकीम फरजंद अली होता राजकीय इंटर कॉलेज चौराहा, फैजगंज, डॉ. शमीम चौराहा, गोकुलदास रोड, एस कुमार चौराहा होते हुए मोहल्ला न्यारियान में बन्नो बी के इमामबाड़े पर जाकर संपन्न हुआ। जुलूस में मौलाना हसन मुज्तबा, अली अनवर प्रिंस, शाजैब नकवी, मोहम्मद अब्बास, जावेद यावर, आसिम यावर, कुमैल नकवी, आलम आब्दी, अजीम हैदर, चमन हैदर, हाजी नसीम हैदर, हाजी कायम हसनैन, अरबाब मेहदी, मोहम्मद आलम, जिम्मी नकवी, अली, दानिश, ताबिश रिजवी, शबी हैदर, आसिफ रजा, जाफर मेहदी, उरूज मेहंदी, आरिज अब्बास, कौसर अली सहित भरी संख्या में अजादार मौजूद रहे। जुलूस में नजरोनियाज का सिलसिला चलता रहा।