मुरादाबाद। अहमद रजा ने अपने साथ एक हजार से ज्यादा युवाओं को जोड़ लिया था। जिन्हें जिहादी बनाने के लिए प्रशिक्षित कर रहा था। सोशल मीडिया के जरिए उन्हें हिंसात्मक वीडियो भेजता था।
अहमद रजा ने फेसबुक आईडी बना रखी थी। जिसमें देशभर के 1500 से ज्यादा लोग जुड़े हैं। इनमें अधिकांश युवा शामिल हैं। एटीएस की जांच में सामने आया है कि उसने सोशल मीडिया पर कई ऐसी वीडियो पोस्ट की थी, जिससे वह युवाओं में देश के प्रति नफरत भरकर उन्हें अपने साथ जोड़ सके। इसके लिए उसने फिरदौस की वीडियो भी उन तक पहुंचाई थीं। वह लोगों को दावत देता था कि वह हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ें। दावत में जिहाद करने और अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए इसे अपने सीनियर मुजाहिद साथियों से हिदायत मिली थी कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़े। इसके लिए अहमद रजा लोगों से मिलकर और सोशल मीडिया के जरिए हिजबुल मुजाहिदीन में जुड़ने की दावत देता था। साथ ही सोशल मीडिया पर जिहादी वीडियो पोस्ट करता था। वह देश के संविधान और सरकार को नहीं मानता है।
एक सप्ताह से डेरा डाली थी एटीएस, दो बार रेकी और तीसरी बार में दबोचा
एटीएस अहमद रजा और उसके परिवार के लोगों के बीच फोन पर चल रही बातचीत सुन रही थी। एक सप्ताह पहले ही टीम ने मुरादाबाद में डेरा डाल लिया था। इसके बाद टीम ने मूंढापांडे क्षेत्र और उसके गांव जाकर भी रेकी गई थी। सूत्र बताते हैं कि टीम ने दो बार मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से लेकर उसके गांव तक रेकी की थी। दो दिन पहले टीम टीम ने उसे दबोच लिया था।