मुरादाबाद। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण को जमीन देने के मुद्दे पर 11 गांव के किसानों का विरोध जारी है। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले संबंधित गांव के किसानों ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर वहां प्रदर्शन किया और इस मुद्दे पर वीसी से लंबी वार्ता की।
इस दौरान किसान नेताओं ने साफ तौर तक कह दिया कि वह अपनी भूमि नहीं देंगे। एमडीए भूमि अर्जन प्रक्रिया के प्रस्ताव को रद्द करे। मांग पूरी न होने पर एमडीए दफ्तर पर 21 से अनिश्चितकालीन धरने की भी चेतावनी दी।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने नई टाउनशिप विकसित करने के लिए नया मुरादाबाद योजना के पास स्थित 11 राजस्व ग्रामों की करीब 1250 हेक्टेयर भूमि को आपसी सहमति से खरीदे जाने की योजना लागू की है। जिसके बाद से ही संबंधित गांव के किसान और किसान नेता इसका विरोध करते आ रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत) के राष्ट्रीय सचिव डॉ़. नो सिंह और प्रदेश सचिव डॉ. चरण सिंह की अगुवाई में संबंधित गांव के किसानों ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर वहां प्रदर्शन किया और इस मुद्दे पर वीसी और अन्य अधिकारियों से वार्ता की। जिसमें अधिकारियों ने योजना के फायदे बताएं।
वीसी शैलेष कुमार ने किसानों को बताया कि नई टाउनशिप आने से संपूर्ण क्षेत्र का विकास होगा। लोगों को रोजगार के साधन मिलेंगे। चौड़ी सड़कें, अस्पताल, खेल मैदान आदि की सुविधा होगी। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को उनकी भूमि का चार गुना तक सर्किल रेट मिलेगा। उन्होंने नोएडा, बरेली आदि का उदाहरण भी दिया। वीसी ने किसानों से स्पष्ट तौर पर कहा कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण सहमति के बिना किसी किसान की कोई भूमि नहीं लेगा। गांव में बने मकानों पर भी एमडीए कोई कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन नई प्लाटिंग और निर्माण पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की ओर से भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नो सिंह और प्रदेश सचिव डॉ. चरन सिंह ने किसानों का पक्ष रखा। दोनों नेताओं ने कहा कि क्षेत्र के किसान अपनी रोजी-रोटी के साधन खेती की भूमि को एमडीए को बेचना नहीं चाहते हैं। 70 फीसदी किसान लिखित आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं। यदि एमडीए प्रशासन ने प्रक्रिया रद्द नहीं की तो 21 अगस्त से एमडीए कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
किसान व किसान नेताओं के साथ शनिवार लंबी वार्ता हुई है। किसानों की सभी शंकाओं को दूर कर दिया गया है। सौहार्दपूर्ण वार्ता रही। किसानों से स्पष्ट कह दिया गया है कि उनकी सहमति के बगैर उनकी भूमि नहीं ली जाएगी। लेकिन अवैध प्लाटिंग और निर्माण की शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -शैलेष कुमार, वीसी एमडीए