मुरादाबाद।
नवरात्र को लेकर शहरवासियों में जबरदस्त उत्साह है। देवी मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है। सजावट के लिए मुरादाबाद के अलावा दिल्ली व अन्य जनपदों से फूल मंगवाए जा रहे हैं। काली माता मंदिर में पांच रंग के गुलाब से पूजा की जाएगी। इसके साथ ही नवरात्र में कटी जींस पहनकर श्रद्धालु प्राचीन सिद्धपीठ नो देवी श्री काली माता मंदिर में मातारानी के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मंदिर के महंत ने श्रद्धालुओं से पारंपरिक वस्त्र पहनकर आने का आह्वान किया है।
नवरात्र को देखते हुए काली माता मंदिर लालबाग, माता मंदिर लाइनपार, मनोकामना श्री हनुमान मंदिर रेलवे लाइन, मां दुर्गा मंदिर बुध बाजार, दुर्गा मंदिर कोर्ट रोड, हुल्का देवी मंदिर कपूर कंपनी आदि में साफ-सफाई की जा रही है। मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। मंदिरों के बाहर फल-फूल, नारियल और चुनरी की भी दुकानें सजने लग गई हैं। काली माता मंदिर लालबाग के महंत सज्जनगिरी महाराज ने बताया कि मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार को ऑर्डर दे दिया गया है।
प्राचीन सिद्धपीठ नो देवी श्री काली माता मंदिर के महंत रामगिरी महाराज ने बताया कि शनिवार को प्रशासनिक अधिकारी, नगर निगम और मंदिर के स्वयं सेवकों की बैठक की जाएगी, जिसमें शांति व्यवस्था पर चर्चा की जाएगी। कटी-फटी जींस पहनने वाले श्रद्धालुओं (महिला-पुरुष दोनों के लिए नियम बनाया है) का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वह सामान्य जींस या हो सके तो पारंपरिक वस्त्र पहनकर मंदिर आएं। स्थानीय लोगों से आह्वान है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखें और उन्हें कोई परेशानी न होने दें। मंदिर में रंगाई-पुताइ्र हो चुकी है। झालरों से मंदिर को सजाया गया है। मातारानी पर पांच रंग के गुलाब चढ़ाकर पूजा की जाएगी। इन फूलों को कोलकाता से मंगवाया जा रहा है। अष्टमी की रात को मां कालिरात्रि को हवन होगा और नवमीं के दिन भंडारे में प्रसाद वितरित किया जाएगा। हलवा-पूड़ी का प्रसाद रहेगा। नवरात्र में प्रतिदिन मंदिर सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम चार बजे से रात 11 बजे तक खुलेगा। अष्टमी के दिन रात 12 बजे और नवमीं पर रात एक बजे तक मंदिर खुलेगा।
बाजार में उमड़ रही भीड़
नवरात्र की तैयारियों के लिए सामान खरीदने वाले ग्राहकों की बाजार में भीड़ उमड़ रही है। ग्राहकों का उत्साह देखकर दुकानदारों के चेहरे भी खिल गए। श्रद्धालुओं ने मातारानी के लिए लहंगा, चोली, लाल चुनरी, 16 श्रृंगार की किट खरीदी। इसमें मेहंदी, चूड़ी, सिंदूर व अन्य सामान है। कलश स्थापना के लिए नारियल भी बिक रहे हैं। व्रत का सामान खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ रही।