कुंदरकी। नगर के मोहल्ला लाइनपार में बुधवार सुबह करीब आठ बजे मकान की छत पर पढ़ रहीं मदरसे की दो छात्राएं अलीशा (10) और सुबहाना (12) हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से झुलस गईं। परिजन अस्पताल ले जाने के बजाय अंधविश्वास में घर के पास ही सिर छोड़कर दोनों के शरीर करीब आधे घंटे रेत में दबा दिया। लेकिन हालत में सुधार होने की बजाय बिगड़ गई। इसके बाद परिजन जिला अस्पताल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से हालत गंभीर होने पर सुबहाना को मेरठ रेफर कर दिया गया है।
नगर के मोहल्ला लाइनपार में साबिर मंसूरी का परिवार रहता है। साबिर मंंसूरी की 10 वर्षीय बेटी अलीशा मदरसे में पढ़ती है। अलीशा के भाई साबिर के साढ़ू मोहम्मद अली की बेटी सुबहाना भी इन दिनों उनके घर ही रह रही है। सुबहाना के पिता मोहम्मद अली संभल के हजरत नगर गढ़ी थाना क्षेत्र के मुकर्रबपुर में रहते हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह अलीशा और सुबहाना छत पर पढ़ाई कर रही थीं। इसी दौरान सुबहाना उठकर छज्जे से खड़ी होकर नीचे की झांकने लगी। इसी दौरान वह हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई जबकि उसे बचाने आई अलीशा करंट लगने से झुलस गई।
परिजनों ने अस्पताल ले जाने से पहले घर के पास पड़े रेत अलीशा और सुबहाना को करीब आधे घंटे तक दबाकर रखा। गांव वालों का तर्क था कि रेत दबाकर रखने से करंट की तीव्रता कम हो जाती है। शरीर में जलन कम होता है। हालांकि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। जिस कारण दोनों को कुंदरकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से सुबहाना को जिला अस्पताल के बाद मेरठ भेज दिया गया है।