मुरादाबाद। सिविल लाइंस थाने में कलक्ट्रेट के सेवानिवृत्त कर्मचारी ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जिसमें आरोप है कि आरोपियों ने कारोबार में निवेश कराने के नाम पर उनके बेटे से 40 लाख रुपये ले लिए। रकम वापस मांगने पर आरोपियों ने उन्हें धमकी दी है।
सिविल लाइंस निवासी मुजीबुल हसन ने बताया कि वह डीएम कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी के पद से 2011 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके बेटे हन्नाउल हसन की जान पहचान गलशहीद के पक्का बाग निवासी फैजी जाहिद और गलशहीद निवासी काशिफ से थी। दोनों की कपड़े की दुकान है। उन्होंने हन्नाउल को लालच दिया था कि वह हमारे शोरूम में निवेश करें। जिसका लाभ उन्हें मिलेगा। विश्वास में आकर दो लाख रुपये दे दिए थे। सात माह तक तीस हजार रुपये लाभ दिया। इसके बाद दोनों ने कहा कि तीस लाख रुपये निवेश कीजिए। जिसका 33 प्रतिशत लाग मिलेगा। तब मुजीबुल हसन ने उन्हें तीस लाख रुपये दे दिए थे। कुछ दिन बाद फिर से रुपयों की मांग की। इस तरह दोनों ने करीब 52 लाख रुपये ले लिए। उन्होंने समझौते के वक्त अपने दोनों मकानों के दस्तावेज भी दिए थे। जिसमें तय हुआ कि रकम न लौटने की दर्शा में मकान का बैनामा करा दिया जाएगा। आरोप है कि चुपचाप दोनों मकान बेच दिए गए।
जानकारी होने पर पिता-पुत्र ने आरोपियों से अपनी रकम वापस मांगी। तब फैजी जाहिद ने कहा कि उनका एक मकान रामपुर में वह उसे अपने नाम करा लें। जिसकी कीमत 42 लाख रुपये है। मुजीबुल ने बताया कि फैजी ने इस मकान पर पहले ही बीस लाख रुपये का लोन ले रखा है। मकान की कीमत बारह लाख रुपये मानते हुए बैनामा कराने की बात तय हुई थी। इसके बाद मुजीबुल हसन के बेटे के नाम मकान की रजिस्ट्री करा दी गई।
फैजी ने अपनी दुकान का नाम बदल दिया है। इसके बाद फैजी ने अपने भाई मोहम्मद फरहान, फैद आलम और बुरहान आलम ने ने दुकान पर कब्जा करा दिया। अब आरोपियों ने वादी के चालीस लाख रुपये देने से इनकार कर दिया है। पीड़ित ने रकम मांगी तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है।