मुरादाबाद। लंबित मांगों का निस्तारण न होने विरोध में डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दूसरे दिन भी इन्होंने काला फीता बंधकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। 24 जून तक मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो सभी अस्पतालों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इसके बाद 26 जून से आंदोलन को तेज करने की रूपरेखा तय होगी।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला मंत्री हेमंत चौधरी ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश के आंदोलन के क्रम में सभी स्वास्थ्य कर्मी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 23 जून तक काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन चलेगा। द्वितीय चरण में 24 जून से सभी चिकित्सालयों में सुबह 8 से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार होगा। 26 जून से आगे के आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
बुधवार को प्रदर्शन में डा. अरुण तोमर, पूनम मेशी, निश्चल भटनागर, पंकज पांडे, मधुराज, माधुरी, अनिल शर्मा, आशुतोष त्यागी, आदि रहे। आंदोलन में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ, राजकीय नर्सेज संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, एक्स-रे टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, डेंटल हाइजीनिस्ट, ऑप्ट्रोमेस्ट संघ, सहायक प्रयोगशाला संघ, ईसीजी टेक्नीशियन , डार्क रूम सहायक आदि संगठन शामिल हैं।
ये हैं मांगे
स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें हैं कि मेडिकल कॉलेज में विभिन्न पदों पर पैरामेडिकल स्टाफ को समायोजित किया जा रहा है, इसके लिए नए पद सृजित किए जाएं। पिछले वर्ष विभागीय लापरवाही के कारण दांपत्य नीति, विकलांग व गंभीर बीमारी से पीड़ित मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों के स्थानांतरण नीति विरुद्ध हुए हैं। इन्हें निरस्त किया जाए। पिछले दो वर्षों में विभाग के किसी संगठन से शासन व महानिदेशालय स्तर पर वार्ता नहीं की गई है। इससे विभाग में अधिकारी-कर्मचारी संगठनों की अनेक वित्तीय/गैर वित्तीय मांगे लंबित हैं। इनका तत्काल निस्तारण किया जाए।