{“_id”:”649f3acfaf36ce77e60f8e36″,”slug”:”students-waiting-for-merit-in-mathematics-faculty-moradabad-news-c-15-1-mbd1002-188841-2023-07-01″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Moradabad News: गणित संकाय में मेरिट के लिए हो रहा विद्यार्थियों का इंतजार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मुरादाबाद। कॉलेजों में दाखिला के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हुए 12 दिन का समय हो गया है, लेकिन अभी तक विद्यार्थियों में बहुत ज्यादा उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है। खासकर गणित संकाय के लिए मेरिट लायक पंजीकरण नहीं हुए हैं। प्राचार्यों के मुताबिक पिछले पांच वर्ष से गणित संकाय में सीटें फुल नहीं हो पा रही हैं। इसकी वजह से विद्यार्थियों के पास हिंदू कॉलेज और केजीके कॉलेज में दाखिला लेने के लिए सबसे ज्यादा अवसर गणित संकाय में हैं।
मुरादाबाद जनपद में सभी बोर्डों में इंटरमीडिएट में करीब 35 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की थी। अब विद्यार्थी नए शैक्षिक सत्र में कॉलेजों में दाखिला की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम सेमेस्टर के लिए पंजीकरण 17 जून को शुरू हुए थे। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण करने की आखिरी तारीख छह जुलाई है। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद अपनी पसंद के कॉलेज में भी पंजीकरण करवाना है। प्राचार्य हिंदू कॉलेज प्रो. सत्यव्रत सिंह रावत का कहना है कि गणित संकाय में 960 सीटें हैं। अब यूपी बोर्ड के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में बीटेक, पॉलीटेक्निक व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। दिल्ली में पढ़ने जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। विद्यार्थी पंजीकरण प्रक्रिया अभी पूरी कर लें, क्योंकि अंतिम समय में कई बार वेबसाइट हैंग करने लगती है।
प्राचार्य केजीके कॉलेज प्रो. सुनील चौधरी का कहना है कि गणित संकाय में 640 सीटें हैं। दाखिला लेने के लिए पहले ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों की भीड़ रहती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में निजी कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अब विद्यार्थी अपने पास के कॉलेजों में दाखिला लेने को प्राथमिकता देते हैं। विद्यार्थियों में बीएससी गणित से करने का रुझान भी कम हुआ है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरू की है। ऐसे में विद्यार्थियों ने अन्य क्षेत्रों में विकल्प तलाश लिए हैं। विद्यार्थियों के रुझान को बढ़ाने के लिए सरकार को अपनी सरकारी संस्थाओं से ही वोकेशनल कोर्सों के प्रशिक्षण दिलवाने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थी नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें और उन्हें पारंपरिक पढ़ाई के अलावा आधुनिक ज्ञान भी मिल सके।
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